कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल -विद्यापति

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कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल -विद्यापति
विद्यापति का काल्पनिक चित्र
कवि विद्यापति
जन्म सन् 1350 से 1374 के मध्य
जन्म स्थान बिसपी गाँव, मधुबनी ज़िला, बिहार
मृत्यु सन् 1440 से 1448 के मध्य
मृत्यु स्थान मगहर, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ कीर्तिलता, मणिमंजरा नाटिका, गंगावाक्यावली, भूपरिक्रमा आदि
भाषा संस्कृत, अवहट्ट और मैथिली
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
विद्यापति की रचनाएँ

कुच-जुग अंकुर उतपत् भेल।
चरन-चपल गति लोचन लेल।।

अब सब अन रह आँचर हाथ
लाजे सखीजन न पूछय बात।।

कि कहब माधव वयसक संधि।
हेरइत मानसिज मन रहु बंधि।।

तइअओ काम हृदय अनुपाम।
रोपल कलस ऊँच कम ठाम।।

सुनइत रस-कथा थापय चीत।
जइसे कुरंगिनि सुय संगीत।।

सैसव जीवन उपजल बाद।
केओ नहि मानय जय अवसाद।।

विद्यापति कौतुक बलिहारि।
सैसव से तनु छोडनहि पारि।।


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