आज का दिन - 12 मई 2024 →
- राष्ट्रीय शाके 1946, 22 गते 30, वैशाख, रविवार
- विक्रम सम्वत् 2081, वैशाख, शुक्ल पक्ष, पंचमी, रविवार, आर्द्रा
- इस्लामी हिजरी 1445, 03, ज़िलक़ाद, इतवार, आर्द्रा
- शंकराचार्य जयन्ती, सूरदास जयन्ती, कृष्ण चन्द्र भट्टाचार्य (जन्म), जे. कृष्णमूर्ति (जन्म), के. जी. बालकृष्णन (जन्म), के. पलानीस्वामी (जन्म), नंदू नाटेकर (जन्म), घनश्याम नायक (जन्म), शमशेर बहादुर सिंह (मृत्यु), सुचित्रा भट्टाचार्य (मृत्यु), नृत्यांगनाअलकनन्दा (मृत्यु), धनंजय कीर (मृत्यु), अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, मातृ दिवस
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विशेष आलेख
बाघ
- राष्ट्रीय पशु 'बाघ' पीले रंगों और धारीदार लोमचर्म वाला एक पशु है।
- बाघ की आठ प्रजातियों में से भारत में पाई जाने वाली प्रजाति को रॉयल बंगाल टाइगर के नाम से जाना जाता है।
- देश के सभी अभयारण्य में लगातार इनकी संख्या कम होती जा रही है। बाघों की इस तरह गिरती संख्या पर केन्द्र सरकार ने 1973 में नौ टाइगर रिज़र्व इलाक़ों में 'बाघ बचाओ योजना' शुरू की।
- वन्य जीवों के लिए काम करने वालों का मानना है कि साल 2025 तक बाघों के विलुप्त हो जाने का ख़तरा है। बाघों की कुल आबादी के 40 फ़ीसदी बाघ भारत में पाए जाते हैं। भारत के 17 प्रदेशों में बाघों के 23 संरक्षित क्षेत्र हैं। .... और पढ़ें
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एक पर्यटन स्थल
गोवा
- भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी किनारे पर स्थित गोवा एक छोटा-सा किन्तु बहुत सुन्दर राज्य है। यह उत्तर में महाराष्ट्र और दक्षिणी छोर से कर्नाटक द्वारा घिरा हुआ है।
- स्वर्णिम इतिहास तथा विविधताओं का प्रतीक गोवा, पहले गोमानचला, गोपाकापट्टम, गोपाकापुरी, गोवापुरी, गोवाराष्ट्र इत्यादि महत्त्वपूर्ण नामों से मशहूर था।
- गोवा के सुनहरे लम्बे समुद्र तट, आकर्षक चर्च, मन्दिर, पुराने क़िले और कलात्मक भग्नावशेषों ने पर्यटन को गोवा का प्रमुख उद्योग बना दिया है।
- आज देश-विदेश में औसतन दस लाख पर्यटक गोवा के प्राकृतिक सौंदर्य एवं विशिष्ट सभ्यता से आकर्षित होकर यहाँ आते हैं। .... और पढ़ें
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- तिलक-गीता का पूर्वार्द्ध है ‘स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’, और उसका उत्तरार्द्ध है ‘स्वदेशी हमारा जन्मसिद्ध कर्तव्य है’। स्वदेशी को लोकमान्य बहिष्कार से भी ऊँचा स्थान देते थे। -महात्मा गाँधी
- अंतर्राष्ट्रीयता तभी पनप सकती है जब राष्ट्रीयता का सुदृढ़ आधार हो। - श्यामाप्रसाद मुखर्जी .... और पढ़ें
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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
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समाचार
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एक व्यक्तित्व
- रबीन्द्रनाथ ठाकुर का जन्म 7 मई, 1861 कलकत्ता (वर्तमान कोलकाता) में देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के पुत्र के रूप में एक संपन्न बांग्ला परिवार में हुआ था।
- रबीन्द्रनाथ ठाकुर एक बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे। जिन्हें 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया।
- गल्पगुच्छ की तीन जिल्दों में उनकी सारी चौरासी कहानियाँ संगृहीत हैं, जिनमें से केवल दस प्रतिनिधि कहानियाँ चुनना टेढ़ी खीर है।
- रबीन्द्रनाथ ठाकुर अपनी कहानियाँ सबुज पत्र (हरे पत्ते) में छपाते थे। आज भी पाठकों को उनकी कहानियों में 'हरे पत्ते' और 'हरे गाछ' मिल सकते हैं।
- रबीन्द्रनाथ ठाकुर एकमात्र कवि हैं जिनकी की दो रचनाएँ दो देशों का राष्ट्रगान बनीं- भारत का राष्ट्र-गान जन गण मन और बांग्लादेश का राष्ट्रीय गान आमार सोनार बांग्ला गुरुदेव की ही रचनाएँ हैं।
- रबीन्द्रनाथ ठाकुर की मृत्यु 7 अगस्त, 1941 को कलकत्ता में हुई। .... और पढ़ें
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वाराणसी, उत्तर प्रदेश
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