रबडेनत्से
रबडेनत्से (अंग्रेज़ी: Rabdentse) भारतीय राज्य सिक्किम के ऐतिहासिक व पर्यटन स्थलों में से एक है। इतिहास प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए यह स्थल काफी ज्यादा मायने रखता है, जहां भारतीय इतिहास के कई अहम पहलुओं को समझा जा सकता है। भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा इस ऐतिहासिक स्थल को राष्ट्रीय महत्व के रूप में घोषित किया जा चुका है।
इतिहास
भारत का उत्तरी पूर्वी राज्य सिक्किम सात बहनों के नाम से मश्हूर पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में से एक है। सिक्किम एक बेहद ही खूबसूरत राज्य है। यह खूबसूरत राज्य अपने पहाड़, वादियां, घाटियां, नेशनल पार्क और कलकल कर बहने वाली नदियों के लिए जाना जाता है। इस खूबसूरत राज्य में कुछ बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन मौजूद हैं।[1]
पश्चिम सिक्किम जिले में स्थित रबडेनत्से खंडहरों के लिए राजशाही गाथा है। यह सिक्किम की दूसरी राजधानी था। पहली राजधानी युकसोम थी। रबडेनत्से अवशेष बौद्ध धार्मिक यात्रा का एक भाग है जो कई मठों से मिलकर बना है जिसका प्रारंभ युकसोम से होता है, जहाँ दुबडी मठ है। 1670 से 1814 ई. तक रबडेनत्से सिक्किम की दूसरी राजधानी थी, लेकिन हमलों के कारण खंडहर में बदल गई। सिक्किम की राजधानी शहर पर गुरखा सेना ने हमला किया और पूरी तरह से नष्ट कर दिया। हालांकि यह इस स्मारक विरासत के रूप मे सैकड़ों पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। लेकिन इसके बाद भी सिक्किम की सुंदरता पर्यटकों का मन मोह लेती है। पर्यटक सिक्किम के सबसे पुराने मठों में से कि पेमयांग्स मठ देख सकते हैं।
अवशेष खण्ड
रबडेनत्से एक ऐसा स्थान है जहां सिक्किम के इतिहास को समझने के लिए जाना चाहिए। यहां सिक्किम की संस्कृति, उसका इतिहास जानने का मौका मिलेगा। रबडेनत्से के अवशेषों को दो खण्डों में बाँटा गया है-
- उत्तरी खंड
- दक्षिणी खंड
उत्तरी खंड वह है जहाँ राजसी परिवार रहता था। यहाँ एक खुला चतुष्कोण है जहाँ “दाब ल्हगांग” के अवशेष हैं, वह स्थान जहाँ राजसी परिवार प्रार्थना करता था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसका संरक्षण करता है और इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक भी माना गया है। यही वह जगह है जहां 'दाब ल्हागांग' देखा जा सकता है जहां शाही परिवार ने प्रार्थना की थी। दक्षिणी विंग वह स्थान था जहां राजा पत्थर के सिंहासन पर बैठते थे और आम लोगों की दिक्कतों को सुना करते थे।[1]
कब जाएँ
रबडेनत्से, सिक्किम की खूबसूरत पहाड़ियों के मध्य बसा है, इसलिए यहां का मौसम साल भर खुशनुमा बना रहता है, यहां का प्लान साल के किसी भी महीने में बना सकते हैं। हालांकि यहां भ्रमण का सबसे आदर्श समय जून से लेकर नवंबर अंत के मध्य का है। इस दौरान रबडेनत्से का मौसम काफी अनुकून बना रहता है।
आसपास
रबडेनत्से के प्राचीन अवशेषों के अलावा यहां आसपास मौजूद पर्यटन स्थल की सैर का प्लान बना सकते हैं। पेलिंग, संघ चोइलिंग मठ, कंचनजंगा फॉल्स और पेमायांग्स मठ रबडेनत्से के निकटवर्ती टूरिस्ट स्पॉट हैं। पेमायांग्स मठ, सिक्किम में सबसे प्रमुख और सबसे पुराने मठों में से एक है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 भारत के ऐतिहासिक स्थल (हिंदी) indiaonline.in। अभिगमन तिथि: 25 अक्टूबर, 2021।
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