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*यहाँ वर्ष में अनेकों आकर्षक उत्सव होते हैं। [[लखनऊ]] निवासी सेठ कुन्दनलाल शाह ने 1835 ई. में मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ किया। | *यहाँ वर्ष में अनेकों आकर्षक उत्सव होते हैं। [[लखनऊ]] निवासी सेठ कुन्दनलाल शाह ने 1835 ई. में मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ किया। | ||
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*यह मन्दिर वर्तमान समय में [[वृन्दावन]] के अतुल वैभव की साक्षी देता है। | *यह मन्दिर वर्तमान समय में [[वृन्दावन]] के अतुल वैभव की साक्षी देता है। | ||
14:16, 12 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- वृन्दावन के इस मन्दिर में वास्तुकला, चित्रकला, मूर्तिकला का अद्भुत समन्वय हैं।
- श्वेत संगमरमर के इस अत्यन्त आकर्षक मन्दिर की विशेषता है कि इसके खम्बे सर्पाकार में एक ही पत्थर की शिला से निर्मित हैं।
- पत्थर में जड़ाऊ काम के चित्र भी यहाँ अद्भुत हैं। बसन्ती कमरा भी है।
- यहाँ वर्ष में अनेकों आकर्षक उत्सव होते हैं। लखनऊ निवासी सेठ कुन्दनलाल शाह ने 1835 ई. में मन्दिर का निर्माण प्रारम्भ किया।
- सफ़ेद मकराना पत्थरों के द्वारा बहुत धन लगाकर इस भव्य मन्दिर का निर्माण कराया था। ये श्रीचैतन्य महाप्रभु के अनन्य भक्त थे।
- यह मन्दिर वर्तमान समय में वृन्दावन के अतुल वैभव की साक्षी देता है।
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वीथिका
शाह जी का मन्दिर, वृन्दावन
Shah Bihari Ji Temple, Vrindavanशाह जी का मन्दिर, वृन्दावन
Shah Bihari Ji Temple, Vrindavanशाह जी का मन्दिर, वृन्दावन
Shah Bihari Ji Temple, Vrindavan
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