एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"मरुस्थल" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जान...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{पुनरीक्षण}}
 
{{पुनरीक्षण}}
 +
{| class="bharattable-green" border="1" style="margin:5px; float:right"
 +
|+विश्व के प्रमुख मरुस्थल (पृष्ठ संख्या 172)
 +
!नाम               
 +
!देश                   
 +
!क्षेत्रफल (किमी.)
 +
|-
 +
|सहारा           
 +
|[[अफ्रीका|उत्तरी अफ्रीका]]           
 +
|9065000
 +
|-
 +
|लिबयान           
 +
|[[अफ्रीका|उत्तरी अफ्रीका]]           
 +
|1683500
 +
|-
 +
|ऑस्ट्रेलियान       
 +
|[[ऑस्ट्रेलिया]]           
 +
|1554000
 +
|-
 +
|ग्रेट विक्टोरिया       
 +
|[[ऑस्ट्रेलिया]]           
 +
|323800
 +
|-
 +
|अटकामा           
 +
|उत्तरी चिली           
 +
|180000
 +
|-
 +
|पेंटोगोनिया       
 +
|अर्जेंटीना               
 +
|
 +
|-
 +
|सीरियन           
 +
|[[अरब]]                   
 +
|323800
 +
|-
 +
|अरेबियन           
 +
|[[अरब]]                   
 +
|129500
 +
|-
 +
|[[गोबी मरुस्थल|गोबी]]               
 +
|[[मंगोलिया]]             
 +
|1036000
 +
|-
 +
|रब आल खाली       
 +
|[[अरब]]                   
 +
|647500
 +
|-
 +
|कालाहारी           
 +
|बोत्स्वाना               
 +
|518000
 +
|-
 +
|ग्रेट सैंडी           
 +
|[[ऑस्ट्रेलिया]]           
 +
|414400
 +
|-
 +
|टकला माकन       
 +
|[[चीन]]                   
 +
|323800
 +
|-
 +
|अरुनता           
 +
|[[ऑस्ट्रेलिया]]           
 +
|310800
 +
|-
 +
|कारा कुम           
 +
|दक्षिण-पश्चिमी तुर्किस्तान   
 +
|272000
 +
|-
 +
|नूबियन           
 +
|[[अफ्रीका|उत्तरी अफ्रीका]]           
 +
|259000
 +
|-
 +
|[[थार मरुस्थल|थार]]               
 +
|[[उत्तरी भारत|उत्तरी]]-[[पश्चिमी भारत]]       
 +
|259000
 +
|-
 +
|किजिलकुल       
 +
|मध्य तुर्किस्तान       
 +
|233100
 +
|}
 
शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले वे क्षेत्र जहां [[वर्षा ऋतु|वर्षा]] कम या नहीं के बराबर होती है एवं वनसपतियां नहीं उगती हैं, '''मरुस्थल''' कहलाते हैं। ऐसे प्रदेशों में बालुकाभित्ति, कंकड़-पत्थर एवं चट्टान की अधिकता रहती है। मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं-
 
शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले वे क्षेत्र जहां [[वर्षा ऋतु|वर्षा]] कम या नहीं के बराबर होती है एवं वनसपतियां नहीं उगती हैं, '''मरुस्थल''' कहलाते हैं। ऐसे प्रदेशों में बालुकाभित्ति, कंकड़-पत्थर एवं चट्टान की अधिकता रहती है। मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं-
  
पंक्ति 5: पंक्ति 83:
 
#'''पथरीले मरुस्थल'''- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है।
 
#'''पथरीले मरुस्थल'''- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है।
 
#'''चट्टानी मरुस्थल'''- इनमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है।
 
#'''चट्टानी मरुस्थल'''- इनमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है।
 +
  
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

11:39, 23 अप्रैल 2012 का अवतरण

Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
विश्व के प्रमुख मरुस्थल (पृष्ठ संख्या 172)
नाम देश क्षेत्रफल (किमी.)
सहारा उत्तरी अफ्रीका 9065000
लिबयान उत्तरी अफ्रीका 1683500
ऑस्ट्रेलियान ऑस्ट्रेलिया 1554000
ग्रेट विक्टोरिया ऑस्ट्रेलिया 323800
अटकामा उत्तरी चिली 180000
पेंटोगोनिया अर्जेंटीना
सीरियन अरब 323800
अरेबियन अरब 129500
गोबी मंगोलिया 1036000
रब आल खाली अरब 647500
कालाहारी बोत्स्वाना 518000
ग्रेट सैंडी ऑस्ट्रेलिया 414400
टकला माकन चीन 323800
अरुनता ऑस्ट्रेलिया 310800
कारा कुम दक्षिण-पश्चिमी तुर्किस्तान 272000
नूबियन उत्तरी अफ्रीका 259000
थार उत्तरी-पश्चिमी भारत 259000
किजिलकुल मध्य तुर्किस्तान 233100

शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले वे क्षेत्र जहां वर्षा कम या नहीं के बराबर होती है एवं वनसपतियां नहीं उगती हैं, मरुस्थल कहलाते हैं। ऐसे प्रदेशों में बालुकाभित्ति, कंकड़-पत्थर एवं चट्टान की अधिकता रहती है। मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं-

  1. वास्तविक मरुस्थल- इसमें बालू की प्रचुरता पाई जाती है।
  2. पथरीले मरुस्थल- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है।
  3. चट्टानी मरुस्थल- इनमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख