"अच्युत (कृष्ण)" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नवनीत कुमार (चर्चा | योगदान) |
नवनीत कुमार (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 42: | पंक्ति 42: | ||
*[[श्रीकृष्ण]] साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभा सम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका '[[गीता]]' ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। | *[[श्रीकृष्ण]] साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभा सम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका '[[गीता]]' ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। | ||
*भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति लगभग सारे [[भारत]] में किसी न किसी रूप में की जाती है। | *भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति लगभग सारे [[भारत]] में किसी न किसी रूप में की जाती है। | ||
+ | {| class="bharattable" border="1" | ||
+ | |+ श्रीकृष्ण के अन्य नाम | ||
+ | |[[उग्र (विष्णु)|उग्र]] | ||
+ | |[[शर्व (विष्णु)|शर्व]] | ||
+ | |[[भगवत् (विष्णु)|भगवत्]] | ||
+ | |[[नारायण]] | ||
+ | |[[कृष्ण]] | ||
+ | |[[वैकुण्ठ (विष्णु)|वैकुण्ठ]] | ||
+ | |[[विष्टरश्रवस्]] | ||
+ | |[[जिन (विष्णु)|जिन]] | ||
+ | |- | ||
+ | |[[ह्रषिकेश]] | ||
+ | |[[केशव (विष्णु)|केशव]] | ||
+ | |[[माधव (विष्णु)|माधव]] | ||
+ | |[[स्वभू]] | ||
+ | |[[दैत्यारि]] | ||
+ | |[[पुण्डरीकाक्ष]] | ||
+ | |[[गोविन्द (विष्णु)|गोविन्द]] | ||
+ | |[[गरुड़ध्वज]] | ||
+ | |- | ||
+ | |[[पीताम्बर (विष्णु)|पीताम्बर]] | ||
+ | |[[मुकुन्द]] | ||
+ | |[[शार्गिं]] | ||
+ | |[[विष्वक्सेन]] | ||
+ | |[[जनार्दन]] | ||
+ | |[[दामोदर]] | ||
+ | |[[इन्द्रावरज]] | ||
+ | |[[चक्रपाणि]] | ||
+ | |- | ||
+ | |[[चतुर्भुज]] | ||
+ | |[[पद्मानाभ]] | ||
+ | |[[मधुरिपु]] | ||
+ | |[[भीम (विष्णु)|भीम]] | ||
+ | |[[त्रिविक्रम]] | ||
+ | |[[देवकीनन्दन (विष्णु)|देवकीनन्दन]] | ||
+ | |[[शौरि]] | ||
+ | |[[श्रीपति]] | ||
+ | |- | ||
+ | |[[पुरुषोत्तम (विष्णु)|पुरुषोत्तम]] | ||
+ | |[[वनमालिन्]] | ||
+ | |[[बलिध्वंसिन्]] | ||
+ | |[[कंसाराति]] | ||
+ | |[[अधोक्षज]] | ||
+ | |[[विश्वम्भर]] | ||
+ | |[[कैटभजित्]] | ||
+ | |[[विधु (विष्णु)|विधु]] | ||
+ | |- | ||
+ | |[[श्रीवत्सलाञ्छन]] | ||
+ | |[[पुराणपुरुष]]<ref>अन्य पुस्तकों में 'पुराणपुरुष' से लेकर 'मुदमर्दन' तक श्लोक नहीं है, अतः वहाँ केवल 39 ही नाम गिनाये गए हैं।</ref> | ||
+ | |[[यज्ञपुरुष]] | ||
+ | |[[नरकान्तक]] | ||
+ | |[[जलशायिन्]] | ||
+ | |[[विश्वरूप (विष्णु)|विश्वरूप]] | ||
+ | |[[उपेन्द्र (विष्णु)|उपेन्द्र]] | ||
+ | |[[मुरमर्दन (विष्णु)|मुरमर्दन]] | ||
+ | |} | ||
09:56, 2 अगस्त 2016 का अवतरण
कृष्ण | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- कृष्ण (बहुविकल्पी) |
अच्युत (कृष्ण)
| |
अन्य नाम | द्वारिकाधीश, केशव, गोपाल, नंदलाल, बाँके बिहारी, कन्हैया, गिरधारी, मुरारी आदि |
अवतार | सोलह कला युक्त पूर्णावतार (विष्णु) |
वंश-गोत्र | वृष्णि वंश (चंद्रवंश) |
कुल | यदुकुल |
पिता | वसुदेव |
माता | देवकी |
पालक पिता | नंदबाबा |
पालक माता | यशोदा |
जन्म विवरण | भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी। |
समय-काल | महाभारत काल |
परिजन | रोहिणी (विमाता), बलराम (भाई), सुभद्रा (बहन), गद (भाई) |
गुरु | संदीपन, आंगिरस |
विवाह | रुक्मिणी, सत्यभामा, जांबवती, मित्रविंदा, भद्रा, सत्या, लक्ष्मणा, कालिंदी |
संतान | प्रद्युम्न |
विद्या पारंगत | सोलह कला, चक्र चलाना। |
रचनाएँ | 'गीता' |
शासन-राज्य | द्वारिका |
संदर्भ ग्रंथ | 'महाभारत', 'भागवत', 'छान्दोग्य उपनिषद' |
मृत्यु | पैर में बाण लगने के कारण। |
यशकीर्ति | गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठा उँगली पर धारण किया, कंस का वध करके उग्रसेन को मथुरा का राजा बनाया, द्रौपदी के चीरहरण के समय उसकी रक्षा की। |
संबंधित लेख | वसुदेव, देवकी, नंदबाबा, यशोदा, राधा, मीरां उद्धव, सुदामा, अर्जुन, गोपी, रासलीला |
हिन्दू पौराणिक ग्रंथों के अनुसार अच्युत भगवान श्रीकृष्ण के नामों में से एक है।
- कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
- श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभा सम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका 'गीता' ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है।
- भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अन्य पुस्तकों में 'पुराणपुरुष' से लेकर 'मुदमर्दन' तक श्लोक नहीं है, अतः वहाँ केवल 39 ही नाम गिनाये गए हैं।
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 10 |