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{ऋग्वेद-कालीन सभ्यता का मुख्य बिन्दु कहाँ था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-282 | {ऋग्वेद-कालीन सभ्यता का मुख्य बिन्दु कहाँ था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-282 | ||
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− | -भारतीय गंगा घाटी | + | -भारतीय गंगा घाटी प्रदेश |
− | +पंजाब और दिल्ली | + | +[[पंजाब]] और [[दिल्ली]] क्षेत्र |
− | -सिन्धु | + | -[[सिन्धु घाटी]] |
− | -स्वात एवं सिन्धु के बीच का | + | -[[स्वात]] एवं [[सिन्धु]] के बीच का क्षेत्र |
− | {प्रारंभिक आर्यों का भौगोलिक ज्ञान निम्नलिखित में से किस नदी प्रदेश तक ही सीमित था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-283 | + | {प्रारंभिक [[आर्य|आर्यों]] का भौगोलिक ज्ञान निम्नलिखित में से किस नदी प्रदेश तक ही सीमित था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-283 |
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− | -सिन्धु | + | -[[सिन्धु नदी|सिन्धु]] |
− | -गंगा | + | -[[गंगा नदी|गंगा]] |
− | +यमुना | + | +[[यमुना नदी|यमुना]] |
-घग्गर | -घग्गर | ||
− | {प्रारंभिक आर्य | + | {प्रारंभिक [[आर्य]] अप्रवासियों के मध्य होने वाले जनजातीय युद्धों जिनमें दसराज्ञ युद्ध सबसे प्रसिद्ध है, का मुख्य कारण क्या था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-284 |
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− | -पुरोहितों के षड्यंत्र | + | -[[पुरोहित|पुरोहितों]] के षड्यंत्र |
-शक्ति प्रदर्शन हेतु | -शक्ति प्रदर्शन हेतु | ||
-विदेशी आक्रमणों के रूप | -विदेशी आक्रमणों के रूप | ||
+पशुओं और भूमि संबंधी विवाद | +पशुओं और भूमि संबंधी विवाद | ||
− | {भारत में आर्यों के मुख्य विरोधी पणि, दास और दस्यु के रूप में ज्ञात देशीय अनार्य लोग थे। इन देशीय | + | {[[भारत]] में [[आर्य|आर्यों]] के मुख्य विरोधी पणि, दास और दस्यु के रूप में ज्ञात देशीय अनार्य लोग थे। इन देशीय जनजातियों के विरुद्ध संघर्ष में आर्य लोग किस कारण विजयी रहे? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-285 |
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− | -देशीय जनजातियों के मध्य एकता का | + | -देशीय जनजातियों के मध्य एकता का अभाव |
− | -आर्यों की बेहतर संगठनात्मक | + | -आर्यों की बेहतर संगठनात्मक शक्ति |
− | +आर्यों के उत्तम सैन्य | + | +[[आर्य|आर्यों]] के उत्तम सैन्य उपकरण |
− | -सांस्कृतिक | + | -सांस्कृतिक श्रेष्ठता |
− | {उत्तर वैदिक काल में आर्यों की गतिविधियों | + | {[[उत्तर वैदिक काल]] में [[आर्य|आर्यों]] की गतिविधियों का मुख्य केन्द्र कौन था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-286 |
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-आर्यावर्त्त | -आर्यावर्त्त | ||
− | +यमुना से लेकर बंगाल की पश्चिमी सीमा तक | + | +[[यमुना]] से लेकर [[बंगाल]] की पश्चिमी सीमा तक |
− | -पंजाब और दिल्ली प्रदेश | + | -[[पंजाब]] और [[दिल्ली]] प्रदेश |
− | -उत्तरापथ | + | -[[उत्तरापथ]] |
− | {निम्नलिखित में से कौन | + | {निम्नलिखित में से कौन से ग्रंथ [[वेद|वेदों]] या श्रुतियों के अंग नहीं थे? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-287 |
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− | -संहिता | + | -[[संहिता]] |
− | -ब्राह्मण | + | -[[ब्राह्मण]] |
− | -उपनिषद् | + | -[[उपनिषद्]] |
− | +पुराण | + | +[[पुराण]] |
− | {निम्नलिखित में से कौन | + | {निम्नलिखित में से कौन सा [[वेद]] आंशिक रूप से गद्य में लिखा गया है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-288 |
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− | -अथर्ववेद | + | -[[अथर्ववेद]] |
− | -सामदेव | + | -[[सामदेव]] |
− | + | + | +[[यजुर्वेद]] |
− | -ऋग्वेद | + | -[[ऋग्वेद]] |
− | {निम्नलिखित में से किसे सही अर्थों में ब्राह्मण कहा जाता था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-289 | + | {निम्नलिखित में से किसे सही अर्थों में [[ब्राह्मण]] कहा जाता था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-289 |
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− | -वेदों के मूल | + | -[[वेद|वेदों]] के मूल पाठ |
− | +वैदिक धार्मिक प्रार्थनाओं एवं यज्ञ अनुष्ठान पद्धति से संबंधित व्याख्यात्मक गद्य रचनाएँ। | + | +वैदिक धार्मिक प्रार्थनाओं एवं [[यज्ञ]] [[अनुष्ठान]] पद्धति से संबंधित व्याख्यात्मक गद्य रचनाएँ। |
− | -अरण्यों में निवास करने | + | -अरण्यों में निवास करने वाले संन्यासियों एवं [[ऋषि|ऋषियों]] के चिंतन, मनन एवं आराधना से संबंधित ग्रंथ। |
-दार्शनिक विषयों से संबंधित आरण्यक ग्रंथों के साथ संलग्न टीकाएँ। | -दार्शनिक विषयों से संबंधित आरण्यक ग्रंथों के साथ संलग्न टीकाएँ। | ||
− | {ऋग्वैदिक सूक्तों या रचनाओं को ऐतिहासिक दृष्टि से | + | {ऋग्वैदिक सूक्तों या रचनाओं को ऐतिहासिक दृष्टि से काफी विश्वसनीय माना जाता है, क्योंकि: (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-290 |
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− | -वे | + | -वे ऐतिहासिक घटनाओं का कालक्रमानुसार विवरण देते हैं। |
-वह प्राचीनतम वैदिक ग्रंथ हैं। | -वह प्राचीनतम वैदिक ग्रंथ हैं। | ||
+उन्हें जिस काल में लिखा गया वे उस समय के जीवन का दर्पण हैं। | +उन्हें जिस काल में लिखा गया वे उस समय के जीवन का दर्पण हैं। | ||
-उसमें वर्णित घटनाओं की अवेस्ता गाथाओं से पुष्टि होती है। | -उसमें वर्णित घटनाओं की अवेस्ता गाथाओं से पुष्टि होती है। | ||
− | {एशिया माइनर | + | {एशिया माइनर में एक स्थान से 1400 ईसा पूर्व का एक अभिलेख मिला है, जिसमें वैदिक [[देवता|देवताओं]] का उल्लेख किया गया है। जिस स्थान से उक्त अभिलेख मिला है, वह स्थान है- (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-190,प्रश्न-291 |
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-साइलीशिया | -साइलीशिया | ||
− | +बोगाजकोई | + | +[[बोगाजकोई]] |
-हिती | -हिती | ||
-यूफ्रेटाइट | -यूफ्रेटाइट | ||
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{'असतो मा सद्गमय' कहाँ से लिया गया है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-367 | {'असतो मा सद्गमय' कहाँ से लिया गया है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-367 | ||
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− | +ऋग्वेद | + | +[[ऋग्वेद]] |
− | -सामवेद | + | -[[सामवेद]] |
− | -यजुर्वेद | + | -[[यजुर्वेद]] |
− | - | + | -[[अथर्ववेद]] |
− | {भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य 'सत्यमेव जयते' कहाँ से | + | {[[भारत]] का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य '[[सत्यमेव जयते]]' कहाँ से उद्धत है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-368 |
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− | + | + | +[[मुंडकोपनिषद्]] |
− | - | + | -[[कठोपनिषद]] |
-छान्दोग्योपनिषद | -छान्दोग्योपनिषद | ||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
− | {उत्तर-वैदिककालीन ग्रंथों में किस आश्रम का उल्लेख नहीं मिलता | + | {[[उत्तर वैदिक काल|उत्तर-वैदिककालीन]] ग्रंथों में किस आश्रम का उल्लेख नहीं मिलता है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-369 |
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+संन्यास | +संन्यास | ||
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-वानप्रस्थ | -वानप्रस्थ | ||
− | {'गायत्री मंत्र' किस वेद से लिया गया है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-370 | + | {'[[गायत्री मंत्र]]' किस [[वेद]] से लिया गया है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-370 |
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− | +ऋग्वेद | + | +[[ऋग्वेद]] |
− | -सामवेद | + | -[[सामवेद]] |
− | - | + | -[[यजुर्वेद]] |
− | -अथर्ववेद | + | -[[अथर्ववेद]] |
{'गौत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-371 | {'गौत्र' व्यवस्था प्रचलन में कब आई? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-371 | ||
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+ऋग्वैदिक काल में | +ऋग्वैदिक काल में | ||
− | -उत्तर-वैदिक काल में | + | -[[उत्तर वैदिक काल|उत्तर-वैदिक काल]] में |
-सैंधव काल में | -सैंधव काल में | ||
-सूत्रकाल में | -सूत्रकाल में | ||
− | {व्यापारिक या वणिक समुदाय जैन धर्म की ओर सर्वाधिक आकर्षित हुआ क्योंकि | + | {व्यापारिक या वणिक समुदाय [[जैन धर्म]] की ओर सर्वाधिक आकर्षित हुआ क्योंकि- (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-372 |
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− | -वे अपने आर्थिक गतिविधियों का निर्विघ्न रूप से अनुसरण करते हुए | + | -वे अपने आर्थिक गतिविधियों का निर्विघ्न रूप से अनुसरण करते हुए धर्म पालन भी कर सकते थे। |
− | -वैदिक कर्मकाण्ड एवं यज्ञ | + | -वैदिक कर्मकाण्ड एवं [[यज्ञ]] व्यापार एवं वाणिज्य में बाधक थे। |
− | +जैन धर्म की शांति और अहिंसा, व्यापार और वाणिज्य के विकास में सहायता थी। | + | +[[जैन धर्म]] की शांति और अहिंसा, व्यापार और वाणिज्य के विकास में सहायता थी। |
− | -जैन धर्म के कर्म के सिद्धांत का वणिकों और व्यापारियों पर अत्यधिक अनूकूल प्रभाव पड़ा। | + | -[[जैन धर्म]] के कर्म के सिद्धांत का वणिकों और व्यापारियों पर अत्यधिक अनूकूल प्रभाव पड़ा। |
− | {ऋग्वेद में निम्न में से किन दो जैन तीर्थंकरों का उल्लेख मिलता है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-373 | + | {[[ऋग्वेद]] में निम्न में से किन दो [[जैन तीर्थंकर|जैन तीर्थंकरों]] का उल्लेख मिलता है? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-373 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | +ऋषभदेव और अरिष्टनेमि | + | +[[ऋषभदेव]] और [[अरिष्टनेमि]] |
-पार्श्वनाथ और निगंठनाथपुत्र | -पार्श्वनाथ और निगंठनाथपुत्र | ||
-अश्वजित और संजय वेट्ठलिपुत्र | -अश्वजित और संजय वेट्ठलिपुत्र | ||
− | -ऋषभदेव और पार्श्वनाथ | + | -[[ऋषभदेव]] और पार्श्वनाथ |
− | {भारत पर आक्रमण करने वाला प्रथम विदेशी कौन था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-376 | + | {[[भारत]] पर आक्रमण करने वाला प्रथम विदेशी कौन था? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-376 |
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+साइरस | +साइरस | ||
− | -डेरियस प्रथम | + | -[[डेरियस प्रथम]] |
-अग्रमीज | -अग्रमीज | ||
-जेरेक्सस | -जेरेक्सस | ||
− | {निम्नलिखित में किस सम्प्रदाय के अनुयायी अशोक वृक्ष की ईश्वर के रूप में पूजा करते थे तथा अपने हाथों में मोर पंख का गुच्छा रखते थे | + | {निम्नलिखित में किस सम्प्रदाय के अनुयायी [[अशोक वृक्ष]] की [[ईश्वर]] के रूप में पूजा करते थे तथा अपने हाथों में मोर पंख का गुच्छा रखते थे? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-377 |
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-शाक्त | -शाक्त | ||
-पाशुपत | -पाशुपत | ||
− | +आजीविक | + | +[[आजीविक]] |
-दिगम्बर जैन | -दिगम्बर जैन | ||
− | {निम्नलिखित किस वर्ष में बुद्ध के महापरिनिर्वाण की 2500 वीं जयंती मनाई गई थी? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-378 | + | {निम्नलिखित किस वर्ष में [[बुद्ध]] के महापरिनिर्वाण की 2500 वीं जयंती मनाई गई थी? (यूजीसी इतिहास ,पृ.सं.-195,प्रश्न-378 |
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− | -1944 | + | -[[1944]] |
− | -1952 | + | -[[1952]] |
− | +1956 | + | +[[1956]] |
− | -1958 | + | -[[1958]] |
13:13, 27 नवम्बर 2016 का अवतरण
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