फ़ोर्ट सेण्ट जॉर्ज

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फ़ोर्ट सेण्ट जॉर्ज का निर्माण मसुलीपट्टम स्थित ईस्ट इंडिया कम्पनी की कौंसिल के एक सदस्य फ़्रांसिस डे ने 1640 ई. में चोलमंडल तट पर ज़मीन की एक पतली पट्टी के ऊपर करवाया था। यह ज़मीन पड़ोस के हिन्दू राजा चन्द्रगिरि से पट्टे पर मिली थी। इसी क़िले के चारों ओर आधुनिक मद्रास नगर का विकास हुआ।

  • क़िले का निर्माणकर्ता फ़्रांसिस डे अरमा गाँव स्थित ईस्ट इंडिया कम्पनी की फ़ैक्ट्री का मुखिया था।
  • फ़्रांसिस डे ने 1640 ई. में स्थानीय राजा से मसुलीपट्टम से 230 मील दक्षिण की ओर ज़मीन की एक पतली पट्टी प्राप्त की
  • इसके साथ ही उसने वहाँ पर एक क़िला बनाने की अनुमति की भी प्रार्थना की, जो मंजूर कर ली गई।
  • फ़्रांसिस डे के नाम पर ही इस क़िले का नाम 'फ़ोर्ट सेण्ट जॉर्ज' पड़ा था।
  • कुछ ही वर्षों में फ़ोर्ट सेण्ट जॉर्ज के चारों ओर एक शहर बस गया, जिसका नाम 'मद्रास' पड़ा।
  • अंग्रेज़ों ने बाद में मसुलीपट्टम के स्थान पर इसको अपना मुख्यालय बनाया और अंतत: इसे मद्रास प्रेसीडेंसी की राजधानी बनाया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 259 |


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