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*स्वयं के विकास और आध्यात्मिक साधना के लिए इस जगह पर बहुत कुछ मौजूद है।
 
*स्वयं के विकास और आध्यात्मिक साधना के लिए इस जगह पर बहुत कुछ मौजूद है।
 
*आश्रम में गंगा धरेश्वर के मंदिर, योग स्टूडियो और लाइब्रेरी मौजूद है।<ref>{{cite web |url=https://www.religionworld.in/ten-famous-ashrams-of-india-for-spiritual-knowledge-yoga-meditation-kundalini-rejunevation-sadhna/ |title=आध्यात्मिक साधना के लिए भारत के दस प्रमुख आश्रम|accessmonthday=19 अक्टूबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=religionworld.in |language=हिंदी}}</ref>
 
*आश्रम में गंगा धरेश्वर के मंदिर, योग स्टूडियो और लाइब्रेरी मौजूद है।<ref>{{cite web |url=https://www.religionworld.in/ten-famous-ashrams-of-india-for-spiritual-knowledge-yoga-meditation-kundalini-rejunevation-sadhna/ |title=आध्यात्मिक साधना के लिए भारत के दस प्रमुख आश्रम|accessmonthday=19 अक्टूबर|accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=religionworld.in |language=हिंदी}}</ref>
*इस आश्रम का बुनियादी कार्य [[स्वामी दयानंद स्वरस्वती]] द्वारा वर्ष [[1963]] में शुरू किया गया तथा वर्ष [[1982]] में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।
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*इस आश्रम का बुनियादी कार्य [[स्वामी दयानंद सरस्वती]] द्वारा वर्ष [[1963]] में शुरू किया गया तथा वर्ष [[1982]] में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।
 
*मुनी की रेती में पुरानी झाड़ी या शीशम झाड़ी में अवस्थित यह आश्रम वैदिक शिक्षण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के धर्मार्थ कार्यकलापों का केन्द्र रहा है।
 
*मुनी की रेती में पुरानी झाड़ी या शीशम झाड़ी में अवस्थित यह आश्रम वैदिक शिक्षण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के धर्मार्थ कार्यकलापों का केन्द्र रहा है।
 
*आश्रम में साधुओं और दर्शनार्थी भक्तजनों के लिए भंडारा (मुफ्त भोजन) का प्रबंध भी किया जाता है और धर्मार्थ औषधालय भी चलाया जाता है जिसमें इस क्षेत्र में रह रहीं महिलाओं, बच्चों और वृद्धजनों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निशुल्क निवारण किया जाता है।
 
*आश्रम में साधुओं और दर्शनार्थी भक्तजनों के लिए भंडारा (मुफ्त भोजन) का प्रबंध भी किया जाता है और धर्मार्थ औषधालय भी चलाया जाता है जिसमें इस क्षेत्र में रह रहीं महिलाओं, बच्चों और वृद्धजनों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निशुल्क निवारण किया जाता है।

09:44, 19 अक्टूबर 2020 का अवतरण

स्वामी दयानंद सरस्वती आश्रम, ऋषिकेश

स्वामी दयानंद सरस्वती आश्रम (अंग्रेज़ी: Swami Dayananda Saraswati Ashram) वेदांत के अमूल्य ज्ञान को समेटे हुए उत्तराखंड के ऋषिकेश में है। यहां संस्कृत और वेद के ज्ञान की शिक्षा दी जाती है। योग की जानकारी और उसके अभ्यास के लिए यहां समय-समय पर कोर्स करवाए जाते है।

  • हिमालय और गंगा की गोद में बने इस आश्रम के योग स्टूडियो में योग की गूढ़ जानकारी दी जाती है।
  • स्वयं के विकास और आध्यात्मिक साधना के लिए इस जगह पर बहुत कुछ मौजूद है।
  • आश्रम में गंगा धरेश्वर के मंदिर, योग स्टूडियो और लाइब्रेरी मौजूद है।[1]
  • इस आश्रम का बुनियादी कार्य स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा वर्ष 1963 में शुरू किया गया तथा वर्ष 1982 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ।
  • मुनी की रेती में पुरानी झाड़ी या शीशम झाड़ी में अवस्थित यह आश्रम वैदिक शिक्षण के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के धर्मार्थ कार्यकलापों का केन्द्र रहा है।
  • आश्रम में साधुओं और दर्शनार्थी भक्तजनों के लिए भंडारा (मुफ्त भोजन) का प्रबंध भी किया जाता है और धर्मार्थ औषधालय भी चलाया जाता है जिसमें इस क्षेत्र में रह रहीं महिलाओं, बच्चों और वृद्धजनों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निशुल्क निवारण किया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आध्यात्मिक साधना के लिए भारत के दस प्रमुख आश्रम (हिंदी) religionworld.in। अभिगमन तिथि: 19 अक्टूबर, 2020।

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