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07:18, 15 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- प्रत्येक नवमी पर नौ वर्षों तक केवल आटा पर निर्वाह किया जाता है।
- वरनवमी तिथिव्रत है, देवी की पूजा की जाती है।
- वरनवमी सभी कामनाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।
- यदि कर्ता जीवन भर बिना अग्नि पर पकाये नवमी पर भोजन करे तो उसे इहलोक एवं परलोक में अनन्त फल प्राप्त होते हैं।
- कृत्यकल्पतरु[1], हेमाद्रि[2] ने इसे 'वरव्रत' नाम दिया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (कृत्यकल्पतरु व्रत खण्ड 296)
- ↑ (हेमाद्रि व्रत खण्ड 1, 937, भविष्य पुराण से उद्धरण)
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