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दौड़ झपट मोरी मटकी पटकी।
 
दौड़ झपट मोरी मटकी पटकी।
 
बहुत कठिन है डगर पनघट की।
 
बहुत कठिन है डगर पनघट की।
खुसरो निज़ाम के बल-बल जाइए।
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खुसरो निज़ाम के बलि-बलि जाइए।
 
लाज राखे मेरे घूँघट पट की।
 
लाज राखे मेरे घूँघट पट की।
 
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
 
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी

12:50, 4 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

बहुत कठिन है डगर पनघट की -अमीर ख़ुसरो
अमीर ख़ुसरो
कवि अमीर ख़ुसरो
जन्म 1253 ई.
जन्म स्थान एटा, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 1325 ई.
मुख्य रचनाएँ मसनवी किरानुससादैन, मल्लोल अनवर, शिरीन ख़ुसरो, मजनू लैला, आईने-ए-सिकन्दरी, हश्त विहिश
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अमीर ख़ुसरो की रचनाएँ

बहुत कठिन है डगर पनघट की।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
मेरे अच्छे निज़ाम पिया।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
ज़रा बोलो निज़ाम पिया।
पनिया भरन को मैं जो गई थी।
दौड़ झपट मोरी मटकी पटकी।
बहुत कठिन है डगर पनघट की।
खुसरो निज़ाम के बलि-बलि जाइए।
लाज राखे मेरे घूँघट पट की।
कैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
बहुत कठिन है डगर पनघट की।










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