"ऐ री सखी मोरे पिया घर आए -अमीर ख़ुसरो" के अवतरणों में अंतर
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कात्या सिंह (चर्चा | योगदान) |
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− | ऐ री सखी मोरे पिया घर आए | + | ऐ री सखी मोरे पिया घर आए, |
− | भाग लगे इस आँगन | + | भाग लगे इस आँगन को। |
बल-बल जाऊँ मैं अपने पिया के, चरन लगायो निर्धन को। | बल-बल जाऊँ मैं अपने पिया के, चरन लगायो निर्धन को। | ||
मैं तो खड़ी थी आस लगाए, मेंहदी कजरा माँग सजाए। | मैं तो खड़ी थी आस लगाए, मेंहदी कजरा माँग सजाए। | ||
देख सूरतिया अपने पिया की, हार गई मैं तन मन को। | देख सूरतिया अपने पिया की, हार गई मैं तन मन को। | ||
जिसका पिया संग बीते सावन, उस दुल्हन की रैन सुहागन। | जिसका पिया संग बीते सावन, उस दुल्हन की रैन सुहागन। | ||
− | जिस सावन में पिया घर | + | जिस सावन में पिया घर नाहिं, आग लगे उस सावन को। |
− | अपने पिया को मैं किस विध पाऊँ, लाज की मारी मैं तो डूबी डूबी | + | अपने पिया को मैं किस विध पाऊँ, लाज की मारी मैं तो डूबी डूबी जाऊँ। |
तुम ही जतन करो ऐ री सखी री, मै मन भाऊँ साजन को। | तुम ही जतन करो ऐ री सखी री, मै मन भाऊँ साजन को। | ||
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05:14, 24 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण
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ऐ री सखी मोरे पिया घर आए, |
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