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'''अंगार उगलना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
 
'''अंगार उगलना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
  
'''अर्थ'''- अगारे उगलना।
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'''अर्थ'''- अत्यंत रोषपूर्वक कङी और कड़वी बातें कहना जली-कटी सुनाना।
  
'''प्रयोग'''-अत्यंत रोषपूर्वक कङी और कड़वी बातें कहना जली-कटी सुनाना; जैसे-लंबी बीमारी से उसका स्वभाव चिङचिङा गहो गया था, सीधी बात कहने पर भी वह अंगारे उगलने लगता है।-  
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'''प्रयोग'''- लंबी बीमारी से उसका [[स्वभाव]] चिड़चिड़ा हो गया था, सीधी बात कहने पर भी वह अंगारे उगलने लगता है।- (राजा [[राधिका]] रमण प्रसाद सिंह )
(राजा राधिका रमन प्रसाद सिंह )
 
  
  

11:37, 1 अक्टूबर 2015 का अवतरण

अंगार उगलना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- अत्यंत रोषपूर्वक कङी और कड़वी बातें कहना जली-कटी सुनाना।

प्रयोग- लंबी बीमारी से उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया था, सीधी बात कहने पर भी वह अंगारे उगलने लगता है।- (राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह )


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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