अक्का महादेवी गुफ़ाएँ आंध्र प्रदेश में नल्लमाला पर्वतमाला पर स्थित हैं। यह श्रीशैल से लगभग 10 कि.मी. की दूरी पर हैं। ये गुफ़ाएँ प्रागैतिहासिक काल से ही अस्तित्व में हैं, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं।
- इन गुफ़ाओं ने श्रीशैल शहर के इतिहास में प्रमुख भूमिका निभाई है। माना जाता है कि इन गुफ़ाओं को अपना नाम कर्नाटक की 12वीं सदी की प्रसिद्ध तत्त्वज्ञानी और गीतकार अक्का महादेवी के नाम से प्राप्त हुआ है।
- यहाँ अक्का महादेवी तपस्या करती थीं। गुफ़ाओं के अंदर प्राकृतिक रूप में मौजूद शिवलिंग की पूजा अक्का महादेवी करती थीं।
- अक्का महादेवी गुफ़ाएँ स्वाभाविक रूप से गठित गुफ़ाएँ हैं और कृष्णा नदी के प्रवाह के विपरीत दिशा में बहुत करीब स्थित हैं।
- मुख्य गुफ़ा में कृत्रिम रूप से गठित एक चट्टानी मेहराब है, जिसे भौगोलिक चमत्कार माना जाता है। यह मेहराब लगभग 200x16x4 फीट का है और यह किसी प्रकार के सहारे पर नहीं खड़ा है।
- सैलानी गुफ़ा के अंदर जो निहित है, उससे अधिक मेहराब की ओर आकर्षित होते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि ये चट्टानें गुफ़ाओं का आकर्षण हैं, विशेषकर जब वे पृथ्वी पर जीवन के रूप में पुरानी साबित हो रही हैं।[1]
- इन गुफ़ाओं की यात्रा अपने आप में एक ख़ास अनुभव है। यहाँ आगंतुकों को कृष्णा नदी से होकर गुजरना पड़ता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अक्का महादेवी गुफाएँ, श्रीशैल (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 19 दिसम्बर, 2014।