परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय
परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय
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विवरण | परमाणु ऊर्जा विभाग का एक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र है। |
स्थान | हैदराबाद, आंध्र प्रदेश |
उद्देश्य | देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक यूरेनियम संसाधनों की पहचान एवं मूल्यांकन करना |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (अंग्रेज़ी: Atomic Minerals Directorate for Exploration and Research) भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग का एक अनुसंधान एवं विकास केन्द्र है।
उद्देश्य एवं कार्य
परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय का मुख्य अधिदेश है कि देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक यूरेनियम संसाधनों की पहचान एवं मूल्यांकन करना। इस महत्वपूर्ण कार्य के क्रियान्वयन के लिए नई दिल्ली, बंगलौर, जमशेदपुर, शिलांग, जयपुर, नागपुर और हैदराबाद (पखनि मुख्यालय और दक्षिण मध्य क्षेत्र) के क्षेत्रीय एवं अनुसंधान केन्द्रों द्वारा संपूर्ण देश में विभिन्न स्थानों पर अन्वेषण किया जा रहा है।
- निदेशालय वर्तमान में दुनिया की नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है जैसे–
- वायुवाहित भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षणों के लिए गामा-रे स्पेक्ट्रोमीटर, टाइम डोमेन ईएम प्रणाली एवं मैग्नेटो मीटर और क्षेत्रीय और विस्तृत पैमाने पर बहु-आयामी फील्ड प्रचालनों के लिए जैसे– भू-वैज्ञानिक, भूभौतिकी, भूरसायनिक सर्वेक्षण तथा ड्रिलिंग गतिविधियों के लिए अत्याधुनिक हाइड्रोस्टैटिक रिगों का समावेश।
- सभी प्रयोगशालाएं भी फील्ड अन्वेषणों की सहायता हेतु नवीनतम सुविधाओं से सुसज्जित हैं जैसे कि –खनिजिकी-शैलिकी-भूकालानुक्रम वर्ग के लिए डब्ल्यूएक्सआरएफ (WXRF), ईपीएमए (EPMA) और रसायनशाला के लिए आईसीपी-ओईएस (ICP-OES), आईसीपी-एमएस (ICP-MS) ।
- इन प्रयोगशालाओं में ईएक्सआरएफ (EXRF) एसएक्स 100 ईपीएमए (SX 100 EPMA) और तापीय आयनीकरण मास स्पेक्ट्रोमीटर (TIMS) का अर्जन भी हाल में किया गया है।
निदेशालय में पुलिन बालुका एवं अपतटीय अन्वेषण (BSOI) एवं विरल धातु एवं विरल मृदा अन्वेषण (RMRE) वर्गों के साथ-साथ नवीनतम उपकरणों से सुसज्जित भौतिकी एवं उपकरणन वर्ग भी हैं ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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