नेल्लोर
नेल्लोर
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विवरण | 'नेल्लोर' आंध्र प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। यह आंध्र प्रदेश का छठवाँ सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। |
राज्य | आंध्र प्रदेश |
ज़िला | नेल्लोर |
क्या देखें | श्री रंगनाथनस्वामी मंदिर, नरसिम्हा मंदिर, नेलापाट्टु पक्षी अभयारण्य, पुलीकट झील आदि। |
क्षेत्रफल (शहर) | 149.96 कि.मी.2 (57.90 वर्ग मीटर) |
जनसंख्या (2011) | 505,751 (शहरी) |
जनसंख्या घनत्व | 3,400/कि.मी.2 |
प्रशासनिक भाषा | तेलुगू |
टेलिफोन कोड | +91–861 |
वाहन पंजिकरण संख्या | AP–26 |
अन्य जानकारी | नेल्लोर के पास में ही सोमसिला स्थित है, जो एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है। यहां का वातावरण शांत और प्राकृतिक दृश्यों से परिपूर्ण है। |
नेल्लोर (अंग्रेज़ी: Nellore) आंध्र प्रदेश राज्य का प्रसिद्ध शहर है। यह नेल्लोर ज़िले का मुख्यालय है। आंध्र प्रदेश के सबसे तेज़ गति से विकसित होने वाले शहरों में से यह एक है। नेल्लोर आंध्र प्रदेश का छठवाँ सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। इस ज़िले को पूर्व में नेल्लोर के नाम से ही जाना जाता था। यहां कई मंदिर स्थित हैं और यह एक महत्त्वपूर्ण कृषि केंद्र है। नेल्लोर पेन्ना नदी के किनारे पर स्थित है और इस क्षेत्र में फ़सलों की विविधता पाई जाती है। शहर में वाणिज्य और व्यापार का बराबर महत्व है। तमिलनाडु से यह अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
इतिहास
यह प्राचीन नगर तीसरी शताब्दी में मौर्य शासक अशोक के साम्राज्य का हिस्सा था। चौथी से छठीं शताब्दी तक पल्लवों ने यहां पर शासन किया। नेल्लोर को 'विक्रमसिम्हसपुरी' के नाम से भी जाना जाता था। सांस्कृतिक दृष्टि से नेल्लोर आंध्र प्रदेश के अन्य शहरों से अलग माना जाता है, क्योंकि यहीं पर महान् तेलुगू कवि तिखना सोमवाजी का जन्म हुआ था, जिन्होंने आगे चलकर 'महाभारत का तेलुगू भाषा में अनुवाद किया था।
ब्रिटिश शासन के दौरान नेल्लोर एक शांतिपूर्ण स्थल था। बाद में यहां स्वतंत्रता संग्राम छिड़ा और राजनीतिक अराजकता फैल गई। भारत की आजादी के पश्चात् यह क्षेत्र प्रमुख राजनीतिक परिवर्तन का केंद्र था। यह ज़िला 1 अक्टूबर, 1953 तक मद्रास राज्य के अधीन था। बाद में नेल्लोर शहर को आंध्र प्रदेश के गठन के बाद एक ज़िला बना दिया गया। यह मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश राज्य की स्थापना से जुड़ा हुआ था। यहां प्रसिद्ध देश भक्त रामुलु अपना आंदोलन चलाते थे, जो एक तेलुगु निवासी थे और आंध्र प्रदेश राज्य को बनाने के पक्षधर थे।[1]
पर्यटन
नेल्लोर में पर्यटन के नजरिये से विकास की बहुत संभावनाएं हैं। श्री रंगनाथनस्वामी मंदिर यहाँ का सबसे प्रमुख आकर्षण है। यह मंदिर शहर के अंदर स्थित है और लगभग 600 साल पुराना है। इस मंदिर की सबसे प्रसिद्ध और उल्लेखनीय बात यह है कि यहां 70 फुट ऊंचा खंभा खड़ा है, जो 'गालिगोपुरम' कहलाता है। इसका शाब्दिक अर्थ होता है- 'हवा टावर'। गालीगोपुरम के शीर्ष पर मंदिर की भव्यता को बढ़ाने के लिए सात स्वर्ण की परत चढ़े कलशों को रखा गया है। यहां के कई मंदिरों और संरचनाओं की वास्तुकला में यहाँ के शासनकर्ता राजवंशों की झलक देखने को मिलती है। वाणिज्यक और कृषि केंद्र होने के बावजूद इस शहर में ब्रिटिश राज के दौरान की कई निशानियां देखी जा सकती हैं।
नेल्लोर कई प्राकृतिक और सुरम्य स्थलों के बीच में स्थित है, जिनमें मेपादु तट और पुलीकट झील शामिल है। नेल्लोर के पास में ही 'नेलापाट्टु पक्षी अभयारण्य' स्थित है, जहां कई प्रजातियों की चिड़िया पाई जाती हैं। यहां से लगभग 13 कि.मी. की दूरी पर नरसिम्हा स्वामी मंदिर स्थित है। नेल्लोर के पास में ही सोमसिला स्थित है, जो एक प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट है। यहां का वातावरण शांत और प्राकृतिक दृश्यों से परिपूर्ण है।
मौसम
नेल्लोर में आसपास स्थित वनों की तेज़ीसे होने वाली कटाई के कारण अब यहां का मौसम गर्म और आर्द्र रहने लगा है। गर्मियों के दिनों में यहां का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। मई के महीने में सबसे ज्यार गर्मी होती है। अप्रैल और मई के महीने में गर्म हवाएं चलती हैं। नेल्लोर की यात्रा का सबसे अच्छा मौसम सर्दियों के दौरान होता है।[1]
कैसे पहुंचें
चेन्नई से नेल्लोर काफ़ी नजदीक स्थित है। इसका नजदीकी राज्य तमिलनाडु है, जो 200 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। नेल्लोर से चेन्नई तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। नेल्लोार से हैदराबाद की दूरी 450 कि.मी. है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 नेल्लोर पर्यटन (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 02 दिसम्बर, 2014।
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