आर. वी. एस. पेरी शास्त्री
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आर. वी. एस. पेरी शास्त्री
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पूरा नाम | आर. वी. एस. पेरी शास्त्री |
जन्म | 11 फ़रवरी, 1929 |
जन्म भूमि | भीमिलिपटनम, आंध्र प्रदेश |
मृत्यु | 25 नवंबर, 1990 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | मुख्य निर्वाचन आयुक्त |
कार्य काल | मुख्य निर्वाचन आयुक्त, भारत-1 जनवरी, 1986 से 25 नवंबर, 1990 तक |
शिक्षा | एम.ए. |
विद्यालय | मद्रास विश्वविद्यालय |
पूर्वाधिकारी | आर. के. त्रिवेदी |
उत्तराधिकारी | वी. एस. रमादेवी |
अन्य जानकारी | आर. वी. एस. पेरी शास्त्री की देखरेख में ही 23 मार्च, 1987 को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराया गया था। |
आर. वी. एस. पेरी शास्त्री (अंग्रेज़ी: R. V. S. Peri Sastri, जन्म- 11 फ़रवरी, 1929; मृत्यु- 25 नवंबर, 1990) भारत के भूतपूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त थे। इस पद पर वह 1 जनवरी, 1986 से अपनी मृत्यु तक रहे।
- वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव आर. वी. एस. पेरी शास्त्री की देखरेख में ही हुए थे।
- आर. वी. एस. पेरी शास्त्री का जन्म भीमिलिपटनम, आंध्र प्रदेश में हुआ था।
- उन्होंने अंग्रेज़ी में अपनी एम.ए. की डिग्री मद्रास विश्वविद्यालय से प्राप्त की थी।
- चुनाव आयोग 1950 से 15 अक्तूबर, 1989 तक एक सदस्यीय था, लेकिन वी. पी. सिंह की सरकार ने 16 अक्तूबर, 1989 को पहली बार एक अधिसूचना के माध्यम से इसे बहुसदस्यीय बना दिया। इस अधिसूचना के अंतर्गत मुख्य चुनाव आयुक्त आर. वी. एस. पेरी शास्त्री के तहत दो चुनाव आयुक्तों एस. एस. धनोवा और वी. एस. सैगल की नियुक्ति की गयी थी। नयी व्यवस्था के सुचारू ढंग से काम करने से पहले ही राष्ट्रपति ने 1 नवंबर, 1990 को इसे भंग कर दिया।
- आर. वी. एस. पेरी शास्त्री की देखरेख में ही 23 मार्च, 1987 को जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराया गया। तब घाटी में लगभग 70 फीसदी से ज्यादा लोगों ने मताधिकार का प्रयोग किया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- जब शेषन के काल में चुनाव आयोग के सदस्यों का झगड़ा सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था
- राजीव गांधी के रबर स्टांप पेरी शास्त्री और कश्मीर चुनाव