- नवीन कर्नाटक राज्य के कन्नड ज़िले में, पहले मद्रास प्रांत में उडुपी तालुके का प्रमुख नगर है।
- उडुपी का प्राचीन नाम उडुपा था जिसको प्राचीन काल में रजतपीठपुर, रौप्यपीठपुर एवं शिवाली भी कहते थे।
- उदीपी में माधवाचार्य के समय का एक प्राचीन मंदिर भी है।
- पौराणिक किंवदंती है कि चंद्रमा[1] ने इस स्थान पर तप किया था।
- दक्षिण भारत के प्रसिद्ध दार्शनिक और द्वैतमत के प्रतिपादक मनीषी माधवाचार्य की जन्मभूमि है।
- यह स्थान पला नदी के तट पर अवस्थित है।
- यहाँ भारत प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर है जिसके संस्थापक 13वीं सदी के प्रसिद्ध वैष्णव सुधारक श्री माधवाचार्य माने जाते हैं।
- कहा जाता है कि माधवाचार्य ने अपना प्रसिद्ध गीताभाष्य इसी स्थान पर लिखा था।
- यह भी किंवदंती है कि आचार्य का जन्म वास्तव में उडुपि से सात मील दक्षिण पूर्व वेल्ले नामक ग्राम[2] में हुआ था।
- यहाँ आठ प्राचीन मठ हैं।
- परियाय नामक प्रसिद्ध पर्व पर प्रत्येक दूसरे वर्ष जनवरी में यहाँ बड़ी धूमधाम रहती है।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 88| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार