ऊपरी गंगा नहर
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ऊपरी गंगा नहर
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विवरण | 'ऊपरी गंगा नहर' उत्तर प्रदेश राज्य की प्रमुख नहर है। इस नहर से उत्तर प्रदेश के कई ज़िले लाभान्वित हुए हैं। इसका कृषि पर भी व्यापक प्रभाव है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
उद्गम स्थल | हरिद्वार के निकट |
निर्माण | नहर का निर्माण कार्य 1842 में शुरू हुआ और 1856 में पूर्ण हुआ। |
लम्बाई | 340 कि.मी. (शाखाओं सहित 5640 कि.मी.) |
संबंधित लेख | उत्तर प्रदेश की नहरें, गंगा नहर, निचली गंगा नहर |
ऊपरी गंगा नहर उत्तर प्रदेश की नहर है। यह नहर गंगा नदी के दाहिने किनारे से हरिद्वार के समीप से निकाली गई है। इसका निर्माण कार्य 1842 में आरम्भ हुआ था और 1856 में समाप्त हुआ।
- ऊपरी गंगा नहर ही मूल गंगा नहर है, जो हरिद्वार में 'हर की पौड़ी' से शुरु होकर सहारनपुर, मुज़फ़्फ़रनगर, मेरठ, गाज़ियाबाद, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा, एटा, फ़िरोज़ाबाद, मैनपुरी, इटावा, कानपुर, फ़र्रुख़ाबाद और फ़तेहपुर आदि ज़िलों की लगभग 7 लाख हैक्टेयर भूमि की सिंचाई करती है।
- इस नहर की लम्बाई 340 किलोमीटर है, परन्तु शाखाओं सहित कुल लम्बाई 5640 किलोमीटर है।
- यह नहर आगरा नहर और गंगा की निचली नहर को भी जल प्रदान करती है।
- 1313 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से ऊपर गंगा नहर का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
- गंगा नहर के साथ-साथ चलने वाला एक राजमार्ग कई बार प्रस्तावित किया गया। 2010 में ऐसा ही एक प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया, क्योंकि प्रस्तावित राजमार्ग के निर्माण से लगभग एक लाख वृक्ष प्रभावित होते, जिसके कारण इस क्षेत्र की वनस्पतियों को नुकसान पहुँचता और वन्य जीवन के प्राकृतिक पर्यावास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। यह प्रस्तावित एक्सप्रेस वे (आशुगमार्ग) कुछ स्थानों पर तो हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य की सीमा से सिर्फ 500-600 मीटर ही दूर था। दो सड़कें एक तो राष्ट्रीय राजमार्ग 58 और दूसरी कांवड़ मार्ग पहले से ही आवागमन के लिए उपलब्ध हैं।
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