कुंजरपति का उल्लेख भागवतपुराण में मिलता है। मगध नरेश जरासंध ने मथुरा पर जब घेरा डाला था, तब यह गोमंतक पर्वत के पूर्व की ओर रक्षार्थ नियुक्त था।[1][2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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