सुशारद वैदिक काल के एक आचार्य थे, जो शालंकायन गोत्र के थे।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 534 |
सुशारद वैदिक काल के एक आचार्य थे, जो शालंकायन गोत्र के थे।[1]
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