पक्षधर चंद्रमा का ही एक अन्य नाम है।
- प्रत्येक माह में दो पक्ष होते हैं- कृष्ण और शुक्ल।
- कृष्ण पक्ष में चंद्रमा धीरे-धीरे घटता है और शुक्ल पक्ष में धीरे-धीरे बढ़ता है। अत: चंद्रमा का यह नाम पड़ा है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 287 |