कुन्दमाला राम के उत्तर जीवन पर आधारित ग्रंथ है। दिंनाग संस्कृत के प्रसिद्ध कवि थे। वे रामकथा पर आश्रित कुन्दमाला नामक नाटक के रचयिता माने जाते हैं।
- कुन्दमाला कृति को लेकर विद्वानों में आपसी मतभेद हैं। दिंनाग को सामान्यत: कुन्दमाला का कर्ता माना गया है। मैसूर पांडुलिपि में यही नाम मिलता है। वल्लभदेव की सुभाषितवली का यही मत है।
- पी. पी. एस. शास्त्री का मत है कि यह कृति धीरनाग की है, जिसका उल्लेख तंजौर की हस्तप्रतियों में है। उनके अनुसार दिंनाग भूलवश समझा गया होगा। लेकिन कृष्णकुमार शास्त्री के अनुसार धीरनाग भूलवश लिखा गया होगा। रामचन्द्र और गुणभद्र की कृति 'नाट्यदर्पण' के अनुसार यह वीरनाग की कृति है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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