केंद्रीय हिंदी निदेशालय
केंद्रीय हिंदी निदेशालय
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विवरण | 'केंद्रीय हिंदी निदेशालय' भारत सरकार का विभाग है, जो मानक हिन्दी के प्रसार के लिए उत्तरदायी है। |
स्थापना | 1 मार्च, 1960 |
मुख्यालय | नई दिल्ली |
अधीन | मानव संसाधन विकास मंत्रालय |
उद्देश्य | हिंदी भाषा को बढ़ावा देना |
क्षेत्रीय कार्यालय | चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और गुवाहाटी |
अन्य जानकारी | निदेशालय हिन्दी के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए बहुत सी योजनाएं कार्यान्वित कर रहा है। |
केंद्रीय हिंदी निदेशालय (अंग्रेज़ी: Central Hindi Directorate) एक सरकारी विभाग है, जो नई दिल्ली में स्थित है। यह निदेशालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन है। निदेशालय मानक हिन्दी के प्रसार के लिए उत्तरदायी है। यह देवनागरी लिपि के उपयोग और हिन्दी वर्तनी का विनियामन भी करता है। संविधान के अनुच्छेद 351 में हिन्दी भाषा के विकास के लिए दिए गए निर्देश को ध्यान में रखते हुए 1 मार्च, 1960 को निदेशालय की स्थापना की गई थी।
स्थापना
हिन्दी का प्रचार-प्रसार करने और भारत के संविधान के अनुच्छेद 351 के अनुसरण में समग्र भारत की सम्पर्क भाषा के रूप में इसका विकास करने हेतु भारत द्वारा केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय की स्थापना 1 मार्च, 1960 में तत्कालीन शिक्षा मंत्रालय (अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय), उच्चतर शिक्षा विभाग के अंतर्गत की गई थी।
मुख्यालय व क्षेत्रीय कार्यालय
केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसके क्षेत्रीय कार्यालय चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और गुवाहाटी में स्थित हैं। इसकी स्थापना किए जाने की तारीख से निदेशालय हिन्दी के प्रचार-प्रसार और विकास के लिए बहुत सी योजनाएं कार्यान्वित कर रहा है।
योजनाएँ
निदेशालय निम्नानुसार बहुत-सी योजनाएं कार्यान्वित कर रहा है-
- सरकारी कर्मचारियों के लिए हिन्दी- केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय हिन्दी प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम, हिन्दी में डिप्लोमा पाठ्यक्रम, उच्च डिप्लोमा पाठ्यक्रम और सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रबोध, प्रवीण और प्राज्ञ पाठ्यक्रम जैसे बहुत-से पाठ्यक्रम संचालित करता रहा है।
- एक भाषा में/द्विभाषी, त्रिभाषी और बहुभाषी शब्दकोशों के प्रकाशन की योजना।
- पत्राचार पाठ्यक्रम।
- हिन्दी लेखकों को पुरस्कार।
- विस्तार सेवाएं और कार्यक्रम।
- श्रव्य कैसेटों के माध्यम से हिन्दी शिक्षण और इसका प्रचार-प्रसार करना।
- पुस्तकों के प्रकाशन/खरीद करने के लिए सहायता की योजना सहित हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए स्वयं सेवी संगठनों को अनुदान देना।
- नि:शुल्क वितरण हेतु हिन्दी पुस्तकों की खरीद करना।
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