केते बदमाश गुंडे -शिवदीन राम जोशी

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केते बदमाश गुंडे लंगोटी लगाय घूमे,
                मदवा ज्यूँ झूमे कूर पेट भरे आपका।
स्वांग बना साधू का बादू बट मार केते,
              सेते हैं भूत-प्रेत लज़ा नाम बाप का।
कर्म के कंगाल लोग साधना न जाने जोग,
               ईधर के न उधर के है भांडा प्रलाप का।
कहता शिवदीन सत्य ऐसे का यकीन कहाँ,
                बात-बात बातमें दिखावे डर श्राप का।
 

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