मणि मधुकर
मणि मधुकर
| |
पूरा नाम | मणि मधुकर |
अन्य नाम | मनीराम शर्मा (मूल नाम) |
जन्म | 9 सितम्बर, 1942 |
जन्म भूमि | सेऊवा (राजगढ़), चुरू ज़िला, राजस्थान |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | 'खण्ड-खण्ड पाखण्ड पर्व', 'घास का घराना', 'बलराम के हज़ारों नाम', 'सफ़ेद मेमने', 'रसगन्धर्व', 'बुलबुल सराय' आदि। |
भाषा | हिंदी, राजस्थानी |
विद्यालय | राजकीय लोहिया कॉलेज, चूरू और राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर |
शिक्षा | एम.ए. (हिंदी) |
पुरस्कार-उपाधि | 'साहित्य अकादमी पुरस्कार', 'प्रेमचंद पुरस्कार', 'कालिदास पुरस्कार' |
प्रसिद्धि | राजस्थानी कवि और लेखक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | मणि मधुकर 'विश्व कविता समारोह-80' यूगोस्लाविया में भारत सांस्कृतिक सम्बद्ध परिषद् के चयनमण्डल द्वारा भेजे गए एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि कवि हैं। |
अद्यतन | 14:26, 29 अगस्त 2017 (IST)
|
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
मणि मधुकर (अंग्रेज़ी: Mani Madhukar, जन्म- 9 सितम्बर, 1942, राजस्थान) हिंदी एवं राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि और लेखक हैं। इनका मूल नाम मनीराम शर्मा है। इनके द्वारा रचित एक कविता संग्रह 'पगफेरौ' के लिये उन्हें सन 1975 में 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था।
जीवन परिचय
मणि मधुकर का जन्म 9 सितम्बर, 1942 में राजस्थान के सेऊवा (राजगढ़), चुरू ज़िला में हुआ था। इनकी शिक्षा राजकीय लोहिया कॉलेज, चूरू से बी.ए. और राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से हिन्दी में एम.ए. है।
प्रकाशित कृतियाँ
|
|
|
संपादन एवं अनुवाद
मणि मधुकर ने अनेक रचनाओं का संपादन किया। अनेक रचनाओं का बंगला, कन्नड़ , उड़िया, मराठी, पंजाबी, डोगरी, असमिया, गुजराती इत्यादि देशी व रूसी, जर्मन, पौलिश, फ्रेंच व अंग्रेज़ी जैसी विदेशी भाषाओं में।
- अपने आसपास
- कल्पना (हैदराबाद)
- अकथ (जयपुर)
- समवाय (दिल्ली)
- रंगयोग (राजस्थान संगीत नाटक अकादमी)
- आकृति (ललित कला अकादमी)।
अनुवाद
मणि मधुकर ने अनेक रचनाओं का बंगला, कन्नड़, उड़िया , मराठी, पंजाबी, डोगरी, असमिया, गुजराती इत्यादि देशी व रूसी, जर्मन, पौलिश, फ्रेंच व अंग्रेजी जैसी विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया है।
सम्मान एवं पुरस्कार
- साहित्य अकादमी पुरस्कार
- प्रेमचंद पुरस्कार
- कालिदास पुरस्कार
विदेश यात्राएं
मणि मधुकर 'विश्व कविता समारोह-80' यूगोस्लाविया में भारत सांस्कृतिक सम्बद्ध परिषद् के चयनमण्डल द्वारा भेजे गए एकमात्र भारतीय प्रतिनिधि कवि हैं। विभिन्न अवसरों पर अठारह से अधिक देशों की यात्राएं कर चुके हैं।
|
|
|
|
|