कालीकट

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कालीकट तट, केरल

कालीकट अथवा 'कोलिकोड' केरल राज्य का एक नगर और पत्तन है। यह मद्रास से 414 मील पश्चिमी अरब सागर के किनारे निम्न समतल मैदान में अस्वास्थ्यप्रद जलवायु के भाग में 'कल्लायी नदी' पर स्थित है। 13वीं शताब्दी के अरब लेखकों ने पश्चिमी तट के प्रमुख बंदरगाह के रूप में इसका उल्लेख किया है। 15वीं शताब्दी में यह मालाबार तट का प्रमुख नगर था।

इतिहास

कोलिकोड[1] शब्द का अर्थ 'काकदुर्ग' है। अंतिम नरेश चेरासन पेरूमल ने मक्का के लिये प्रस्थान करते समय अपना राज्य अपने नायकों में बाँट दिया था। क़िले के चतुर्दिक, जहाँ तक क़िले में बोलने वाले मुर्गे की आवाज़ सुनाई देती थी, उतना क्षेत्र उन्होंने जमोरिन नामक नायक को दे दिया था। अत: इस क्षेत्र का नाम 'कोलिकोड' पड़ा। 1486 ई. में प्रथम यूरोपवासी वास्को द गामा यहाँ आया और 1525 ई. तक पुर्तग़ालियों का व्यापार यहाँ से होने लगा।[2]

अंग्रेज़ों का अधिकार

1615 ई. में यह ब्रिटिश अधिकार में आया। 1698 ई. में यहाँ फ़्राँसीसी बस्तियाँ बसीं। फ़्राँस और ब्रिटेन के बीच के युद्ध के काल में इसकी सत्ता बदलती रही। मैसूर के शासकों से इसे अधिक क्षति पहुँचती रही। इतिहास में प्रसिद्ध हैदर अली के पुत्र टीपू सुल्तान ने भी इसे हथियाने का प्रयास किया था।

उद्योग व व्यापार

कालीकट के बने सूती कपड़े की बड़ी ख्याति थी। 1883 ई. में यहाँ एक 'वाष्पचालित पुतलीघर' की स्थापना हुई थी। यहाँ गृह उद्योग के रूप में बेंत और बाँस का सामान, मूर्तिकला[3], लकड़ी पर नक़्क़ाशी, दियासलाई और साबुन रँगाई, आदि उद्योग मुख्य हैं। यहाँ से कॉफ़ी ओर मसाले का निर्यात होता है।[2]

जनसंख्या

1961 में कालीकट की जनसंख्या 1,92,521 थी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कालीकट
  2. 2.0 2.1 सिंह, कैलाशनाथ। कोलिकोड (कालीकट) (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 06 मार्च, 2012।
  3. कुम्हारी

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