जूलियस सीज़र -रांगेय राघव
जूलियस सीज़र -रांगेय राघव
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लेखक | रांगेय राघव |
प्रकाशक | राजपाल एंड संस |
ISBN | 81-7028-558-5 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
प्रकार | नाटक |
भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार और कहानिकार रांगेय राघव ने शेक्सपियर के दस नाटकों का हिन्दी में अनुवाद किया था, जो 'जूलियस सीज़र' शीर्षक से पाठकों को इस सीरीज में उपलब्ध कराये गए। इस नाटक को 'राजपाल एंड संस' प्रकाशन द्वारा प्रकाशित किया गया था। 'जूलियस सीज़र' एक दुःखान्त नाटक है। शेक्सपियर ने इसे अपने साहित्यिक जीवन के तीसरे काल सन 1601 से 1604 ई. के बीच लिखा था, तथा उसमें निराशा, वेदना और तिक्तता अधिक मिलती है।
भूमिका
कथा का स्रोत सर टामस नार्थ द्वारा अनूदित 'प्लूटार्क की सीज़र', 'ब्रूटस तथा ऐण्टोनी की जीवनियाँ' नामक पुस्तक से लिया गया है। प्लूटार्क प्रथम ईसवी शती का यूनानी लेखक था। उसने अनेक प्रसिद्ध ग्रीक तथा रोम निवासियों के जीवन-चरित्र लिखे थे। सर टामस ने प्लूटार्क की ग्रीक भाषा की रचना के एक फ्रेंच अनुवाद से किया था। फ्रेंच अनुवादक का नाम जेक्विस अमयोत् था।[1] वह अक्ज़ियर का पादरी था। इसी स्रोत से कथाएँ लेकर शेक्सपियर ने अपने तीन नाटक लिखे थे-
- जूलियस सीज़र
- ऐण्टोनी एण्ड क्लियोपैट्रा
- कोरियोलैनस
- वर्ष 1578 ई. में अनूदित 'गृह-युद्ध' नाटक तथा एपियन के इतिहास से भी 'जूलियस सीज़र' में मदद ली गई है।
- कुछ लोगों का मत है कि शेक्सपियर से पूर्व स्टर्लिंग ने अंग्रेज़ी में 'जूलियस सीज़र' कथानक पर नाटक लिखा था।
- मूलतः यह एक राजनीतिक नाटक है। इसमें स्त्री पात्रों का विशेष महत्त्व नहीं है, किन्तु फिर भी यह अपने बहुपात्रों को लेकर भी एक आकर्षक नाटक है।
- इस नाटक में राज्य, प्रजा और स्वतन्त्रता के प्रश्न पर गहरा विवेचन किया गया है।
- ब्रूटस का खलनायकत्व ऐसी कुशलता से चित्रित है कि उसे देखकर घृणा नहीं होती, किन्तु वेदना से पाठकों का हृदय व्याकुल हो उठता है।
- सीज़र तो बीच में ही मर जाता है, किन्तु लेखक ने अन्त तक ऐसा चित्रण किया है कि मरने पर भी वह पाठकों की आँखों के सामने रहता है और इस प्रकार नायक की अनुपस्थिति में भी नायक अनुपस्थित-सा नहीं दिखाई देता।
- इस प्रकार 'जूलियस सीज़र' मनुष्यों के स्वार्थों और आवेशों का ही नहीं, न्याय और सापेक्ष सत्यों का अत्यन्त आकर्षक प्रदर्शन है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 जूलियस सीज़र (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 जनवरी, 2013।
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