टिहरी बाँध परियोजना भारत की नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है। इस परियोजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी ज़िले में भागीरथी नदी पर भारत के सबसे ऊँचे टिहरी बाँध का निर्माण किया गया है।[1]
- टिहरी बाँध की ऊँचाई 260.5 मीटर (855 फीट) है। टिहरी जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत तीन मुख्य इकाइयाँ स्थापित की गयी हैं-
- टिहरी बाँध और जल विद्युत इकाई - 1000 मेगावाट
- कोटेशवर जल विद्युत परियोजना - 400 मेगावाट
- टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना - 1000 मेगावाट
- वर्तमान में इसकी स्थापित क्षमता 2400 मेगावाट है। 'भारत सरकार' ने यहाँ अतिरिक्त 1000 मेगावाट की इकाई लगाने की मंज़ूरी दे दी है।
- टिहरी बाँध परियोजना पर केंद्र सरकार ने 75 प्रतिशत व राज्य सरकार ने 25 प्रतिशत धन व्यय किया है।
- यह परियोजना हिमालय के केंद्रीय क्षेत्र में स्थित है। यहाँ आस-पास 6.8 से 8.5 तीव्रता के भूकंप आने का अनुमान लगाया गया है। इस कारण इस बाँध का भारी विरोध भी हो रहा है।
- पर्यावरणविद मानते है की बाँध के टूटने के कारण ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ और बुलंदशहर इसमें जलमग्न हो जाएँगे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत में बहुउद्देशीय परियोजनाएँ (हिन्दी) वाइवेस पेनोरमा। अभिगमन तिथि: 15 नवम्बर, 2014।