ताज संग्रहालय, आगरा
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ताज संग्रहालय, आगरा
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विवरण | ताज संग्रहालय में अधिकतर ताजमहल के निर्माण और इसके निर्माताओं की अवधि से जुड़ी अनेक दर्शनीय वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
नगर | आगरा |
निर्माण | 1982 ई. |
गूगल मानचित्र | |
संबंधित लेख | ताजमहल, सिकंदरा, लाल क़िला |
खुलने का समय | सुबह 10 बजे से शाम 5.00 बजे तक |
अवकाश | शुक्रवार |
अन्य जानकारी | भूतल में स्थापित होने के कारण इसे जल महल के नाम से भी जाना जाता है। |
अद्यतन | 13:47, 5 जनवरी 2015 (IST)
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ताज संग्रहालय आगरा में ताजमहल परिसर के अन्दर पश्चिमी नौबत खाना में, स्थित है। यह संग्रहालय 1982 में निर्मित है जिसे पहले जल महल के नाम से भी जाना जाता था। इसे भूतल में स्थापित किया गया था। यह एक दो-मंजिला इमारत है जिसमें बाहर की ओर एक चौकोर उभार है और यह एक ऊंचे चबूतरे पर बनी हुर्इ है। आगरा में जिन पर्यटन स्थलों पर भीड़ उमड़ती है, उनमें से ताज संग्रहालय भी एक है। यहां मुख्य रूप से विद्यार्थी और ताजमहल के शोधार्थी आते हैं। इस संग्रहालय में एक मुख्य हॉल के साथ दो फ्लोर और तीन गैलरी हैं।
विशेषताएँ
- ताज संग्रहालय में मुख्य कक्ष के अतिरिक्त तीन दीर्घाएं हैं और इसमें अधिकतर ताजमहल के निर्माण और इसके निर्माताओं की अवधि से जुड़ी अनेक दर्शनीय वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। कुल मिलाकर 121 पुरावशेष प्रदर्शित किए गए हैं, जिन्हें व्यापक रूप से मुग़ल लघुचित्रों, पांडुलिपियों, सरकारी आज्ञब्तियां (डिक्री), सुलेख-कला के नमूने, शस्त्र, बर्तन, ताज परिसर की योजना और रेखाचित्र, चित्र, नमूना कलमकारी, संगमरमर के स्तंभ इत्यादि के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया है।
- मुख्य कक्ष में एक आलंकारिक लकड़ी के फ्रेम में हाथी-दांत पर बनी शाहजहां और उसकी सर्वाधिक प्रिय पत्नी मुमताज महल की तस्वीरें और सिक्के की प्रतिकृतियां प्रदर्शित हैं, जिन पर अकबराबाद (आगरा) गढ़ा हुआ है।
- फ़िरदौसी के प्रसिद्ध फारसी महाकाव्य शाहनामा से लिए गए चित्र 1612 ई. की छैल मजलिस का एक रोचक पांडुलिपि जिस पर 4 फ़रवरी, 1628 के दिनांक की शाही मुहर के साथ शाहजहां के हस्ताक्षर मौजूद है, तथा अन्य सामग्रियां इस दीर्घा में प्रदर्शित की गई हैं।
- पहली दीर्घा में ताजमहल की वास्तुकला की मुख्य विशेषताओं को दर्शाने वाली योजनाएं और रंगीन रेखा-चित्र रखे गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण एक स्थल-योजना है; मकबरे के अग्रभाग का उठान तथा अन्य विवरण इस स्थल-योजना में अभिलिखित है।
- शाही इमारत ताजमहल के निर्माण के लिए आवश्यक मकराना संगमरमर इत्यादि की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शाहजहां द्वारा राजा जयसिंह के नाम से भेजे गए दिनांक ए.एच. 1042 (अगस्त, 1632) के फरमान तथा जयपुर के राजा जयसिंह के नाम से भेजे गए दिनांक 20 जून, 1637 के एक और फरमान की प्रतियां भी इस दीर्घा में प्रदर्शित की गई हैं।
- द्वितीय दीर्घा में संगयशब (जेड) और चीनी मिट्टी से बनी वस्तुएं जैसे क़ुरआन स्टैंड, संगयशब का बना हुआ एक सुंदर आलंकारिक टोटीदार लोटा, पत्थर पर मढ़ा गया शीशा, काही मिट्टी का कटोरा और तश्तरियां प्रदर्शित हैं।
- तलवारों, छुरों जैसे शस्त्र और एक विश्व-मानचित्र जिस पर उन स्थानों को दर्शाया गया है जहां से ताजमहल की कलमकारी के लिए नगीनों का आयात किया गया था तथा इन कम मूल्यवान नगीनों के नमूने भी प्रदर्शित किए गए हैं।
- तृतीय दीर्घा में महत्वपूर्ण शाही फरमान और दस्तावेज, उस अवधि की प्रसिद्ध सुलेखकला के वसलिस (नमूने), ब्रिटिश कलाकार डेनियल द्वारा 1795 ई. में बनाए गए ताजमहल के दो चित्र प्रदर्शित किए गए हैं।
- शाह आलम-II की अवधि की आम बाह्य सीढ़ियों की एक रोचक व्यवस्था प्रदर्शित की गई है जिसमें ताजगंज के मकबरे के बग़ीचे में फलों की नीलामी के ब्यौरे दर्ज हैं। विभिन्न गांवों में भूमि दिए जाने तथा शेख हातिम को पैतृक भूमि प्रदान किए जाने की पुष्टि करने संबंधी शाहजहां के शाही फरमान भी दीर्घा में रखे गए हैं।[1]
महत्त्वपूर्ण जानकारी
- खुलने का समय
सुबह 10 बजे से शाम 5.00 बजे तक
- बंद रहने का दिन
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संग्रहालय-आगरा (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 5 जनवरी, 2015।
बाहरी कड़ियाँ
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