राजकीय संग्रहालय, चेन्नई

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
राजकीय संग्रहालय, चेन्नई
राजकीय संग्रहालय, चेन्नई
राजकीय संग्रहालय, चेन्नई
विवरण यह संग्रहालय तत्‍कालीन मद्रास की प्रेसीडेन्‍सी सरकार, सेंट मेरी चर्च के अधिकारियों, भंग कर दी गई सेना यूनिटों तथा अन्‍य द्वारा दान दी गई ब्रिटिश राज की वस्‍तुओं के छोटे से संग्रह के साथ प्रारंभ हुआ था।
राज्य तमिल नाडु
नगर चेन्नई
निर्माण 1795 ई.
भौगोलिक स्थिति 13° 4′ 14.34″ उत्तर, 80° 15′ 26.24″ पूर्व
गूगल मानचित्र
खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5.00 बजे तक
अवकाश शुक्रवार
अन्य जानकारी इस संग्रहालय में तलवारों, छुरों, राइफलों और पिस्‍तौलों, मोर्टरों, पटाका, तोप के गोलों, वक्षकवच, हेलमेट, डंडे जैसे हथियार और विश्‍व युद्धों के दौरान छुट-पुट हमलों के दौरान मद्रास पर और उसके बचाव में दागे गए गोलों के टुकड़े तथा इसके अलावा तीन-धनुष जैसे हथियार भी प्रदर्शित हैं।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

राजकीय संग्रहालय, चेन्नई (अंग्रेज़ी: Government Museum, Chennai) तमिल नाडु की राजधानी चेन्नई में स्थित है। इसे फ़ोर्ट सेंट जार्ज संग्रहालय अथवा क़िला संग्रहालय भी कहा जाता है। यह जनता के लिए उसे 31 जनवरी, 1948 को खोला गया। यह संग्रहालय तत्‍कालीन मद्रास की प्रेसीडेन्‍सी सरकार, सेंट मेरी चर्च के अधिकारियों, भंग कर दी गई सेना यूनिटों तथा अन्‍य द्वारा दान दी गई ब्रिटिश राज की वस्‍तुओं के छोटे से संग्रह के साथ प्रारंभ हुआ था। बाद के वर्षों में विभिन्‍न साधनों से अनेक वस्‍तुएं अर्जित की गईं और अब इस संग्रह में 3661 पंजीकृत पुरावस्‍तुएं हैं। इनमें से सर्वोत्‍तम वस्‍तुएं (602) दस दीर्घाओं में प्रदर्शित की गई हैं।

विशेषताएँ

  • जिस इमारत में संग्रहालय स्‍थित है, क़िले के भीतर निर्मित और अभी तक मौजूद सबसे प्राचीन इमारतों में से एक है। यह इमारत 1795 में पूरी बन गई थी और इसमें मद्रास बैंक स्‍थित था। संग्रहालय की इमारत का अपना इतिहास है।
  • पुरावस्‍तुओं को तीन मंजिलों में स्‍थित दस दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है। सबसे पहले लॉर्ड कार्नवालिस (1738-1805) की संगमरमर की एक प्रभावशाली प्रतिमा आंगतुकों का स्‍वागत करती है। इस प्रतिमा में बंदी के रूप में टीपू सुल्तान के दोनों पुत्रों के आत्‍मसमर्पण के दृश्‍य को दिखाया गया है जिसे थॉमस बैंक द्वारा बनाया गया था और इसे जनता से लिए गए पैसे से वित्‍त पोषित किया गया था। लॉबी में 1640 के बाद की अवधि में निर्माणों और पुनरूद्धारों के चरणों को दर्शाने वाले चित्र रखे गए हैं।
  • तलवारों, छुरों, राइफलों और पिस्‍तौलों, मोर्टरों, पटाका, तोप के गोलों, वक्षकवच, हेलमेट, डंडे जैसे हथियार और विश्‍व युद्धों के दौरान छुट-पुट हमलों के दौरान मद्रास पर और उसके बचाव में दागे गए गोलों के टुकड़े तथा इसके अलावा तीन-धनुष जैसे हथियार भी प्रदर्शित हैं।
  • ब्रिटिश सेना के विभिन्‍न रैंकों की वर्दियां, मद्रास के गवर्नर के अंगरक्षकों और मद्रास सरकार के अवर सचिव के समारोही परिधान, विभिन्‍न यूनिटों के रेजिमेन्‍ट संबंधी रंग और आधिकारिक राज्‍याभिषेक समारोह में प्रयोग की जाने वाली गद्दियां तथा भारतीय उप महाद्वीप में ब्रिटिश सैनिकों द्वारा लड़ी गई विभिन्‍न लड़ाइयों में उन्‍हें सम्‍मानित करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा जारी लगभग 64 पदक और मुद्राएं, वर्दी और पदक दीर्घा में प्रदर्शित हैं।
  • चीनी मिट्टी के बर्तनों वाली दीर्घा में ईस्‍ट इंडिया कंपनी द्वारा आधिकारिक रूप से खान-पान के बर्तनों के रूप में उपयोग किए जाने वाले चीनी मिट्टी के विभिन्‍न बर्तनों तथा आर्काट के नवाबों के इसी प्रकार के बर्तन प्रदर्शित किए गए हैं। चित्र दीर्घा में, जार्ज-तृतीय और उसकी पत्‍नी रानी विक्‍टोरिया तथा राबर्ट क्‍लाइव, सर आर्थर हैवलॉक के चित्रों समेत अन्‍य चित्र, कैनवास पर बने तैल-चित्र प्रदर्शित हैं। 1738 में फोर्ट सेंट जार्ज का सबसे पहला चित्र एक अन्‍य रोचक चित्र है।
  • विविध-वस्‍तु दीर्घा में सेंट मेरी चर्च और ज़ामन चर्च, ट्रैन्‍क्‍यूबर से लिए गए चर्च के चांदी के विभिन्‍न बर्तन प्रदर्शित किए गए हैं। सेंट मेरी चर्च के चांदी के बर्तनों में इलिहू येल द्वारा दान दिए गए बर्तन शामिल हैं जिन्‍होंने अमरीका के येल विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना की थी। इस फोर्ट का, जैसा यह 19वीं श्‍ताब्‍दी में दिखता था, एक बृहत पैमाने वाला मॉडल और ईस्‍ट इंडिया कंपनी के ताले और लोहे की अलमारियां और आर्काट के नवाबों की एक पालकी संग्रहालय में मौजूद है।
  • छापा (प्रिन्‍ट) और दस्तावेज दीर्घा में दर्शाई गई वस्‍तुओं में प्रसिद्ध थॉमस और उसके भांजे विलियम डेनियल, सॉल्‍ट एच. मर्क तथा अन्‍य द्वारा तैयार किए गए चित्र शामिल हैं। महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेजों में रॉबर्ट क्‍लाइव तथा अन्‍य द्वारा लिखे गए कुछ मूल पत्र शामिल हैं। ये छापे (प्रिन्‍ट), जिन्‍हें ताम्रपत्र-उत्‍कीर्णन (एक्‍वाटिन्‍ट) के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय स्‍मारकों और दृश्‍यों को स्‍पष्‍ट रूप से दर्शाते हैं और इन्‍हें बहुत मेहनत से अम्‍ल-लेखन से बनाया गया है।
  • भारतीय फ्रांसीसी दीर्घा में उत्‍तम और अलंकृत चीनी मिट्टी के बर्तन, घड़ियों, भारत में फ्रांसीसियों द्वारा जारी टिकट और सिक्‍का, फर्नीचर, लैम्‍पशेड और घड़ियों जैसी वस्‍तुएं प्रदर्शित हैं। एक महत्‍वपूर्ण देसी शासक वंश वोडेयार की कलावस्‍तुएं, जैसे चित्र, मैसूर शैली की चित्रकारियां, सिक्‍के, झंडे और प्रशंसा पत्र वोडेयार दीर्घा में प्रदर्शित हैं। डेनियल तथा अन्‍य द्वारा तैयार किए गए किले के विभिन्‍न दृश्‍यों, प्राचीन मद्रास की इमारतों, मद्रास के मानचित्र को दर्शाने वाले छापे (प्रिन्‍ट) मद्रास प्रिन्‍ट दीर्घा में प्रदर्शित हैं। ये रेखाचित्र विशेष रूप से किले के तथा सामान्‍य रूप से मद्रास तथा समाप्‍त हो चुकी इमारतों के वास्‍तुकला संबंधी इतिहास पर प्रकाश डालते हैं।
  • उपरोक्‍त के अलावा, ब्रिटिश, डचों, पुर्तग़ालियों और डेनिशों के राज्‍याध्‍यक्षीय और एकीकृत टकसालों द्वारा जारी विभिन्‍न सिक्‍के, सिक्‍कों संबंधी दीर्घा में प्रदर्शित हैं।
  • आरक्षित संग्रह में अनेक पुरावस्‍तुएं मौजूद हैं जिनमें रॉबर्ट क्‍लाइव के विवाह का रिकार्ड रखने वाला सेंट मेरी चर्च का प्रथम विवाह रजिस्‍टर तथा स्ट्रैनिशैम मास्‍टर, जिन्‍होंने चर्च के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई थी, द्वारा उपयोग की जाने वाली बाइबिल उल्‍लेखनीय हैं।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संग्रहालय-फोर्ट, सेंट जार्ज (चेन्नैह) (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 8 जनवरी, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख