तूतीकोरिन बंदरगाह
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विवरण | तूतीकोरिन बंदरगाह मन्नार की खाड़ी में स्थित है। यह रेलमार्गों और सड़कों से जुड़ा हुआ है। |
देश | भारत |
स्थान | तूतीकोरिन |
राज्य | तमिलनाडु |
उद्घाटन | 1974 |
स्वामित्व | जहाज़रानी मंत्रालय |
इतिहास | वीओ चिदम्बरनार भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनकी याद में बंदरगाह का पुनर्नामकरण किया गया है। |
पृष्ठदेश | दक्षिणी व पश्चिमी तमिलनाडु एवं दक्षिण-पूर्वी केरल तक फैला हुआ है |
निर्यात | चाय, गरम मसाले, केला, नारियल व खोपरा, कपास, चमड़ा और खालें, इलाइची, सूती वस्त्र है। |
अन्य जानकारी | केंद्रीय सरकार ने जनवरी 2011 को तूतीकोरिन बंदरगाह के नए नाम वीओ चिदम्बरनार बंदरगाह पर अपनी सहमति दी थी। |
अद्यतन | 5:01, 1 दिसम्बर-2016 (IST) |
तूतीकोरिन बंदरगाह (अंग्रेज़ी: Tuticorin Port) दक्षिण तमिलनाडु के आर्थिक विकास का उत्प्रेरक है। 19 फ़रवरी, 2011 से इस बंदरगाह का नाम बदलकर 'वीओ चिदम्बरनार बंदरगाह' रख दिया गया है। यह बंदरगाह मन्नार की खाड़ी में स्थित है।[1]
इतिहास
वीओ चिदम्बरनार भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनकी याद में बंदरगाह का पुनर्नामकरण किया गया है। केंद्रीय सरकार ने जनवरी 2011 को तूतीकोरिन बंदरगाह के नए नाम वीओ चिदम्बरनार बंदरगाह पर अपनी सहमति दी थी। यह बन्दरगाह पूर्व श्रीलंका के उत्तर-पूर्व में आदम जल संयोजन द्वारा पूरी तरह सुरक्षित है। जहां जल की गहराई 12 से 15 मीटर है जिससे यहां बड़े जहाज़़ सरलता से ठहर सकते है।[2]
पृष्ठदेश
तूतीकोरिन बंदरगाह का पृष्ठदेश दक्षिणी व पश्चिमी तमिलनाडु एवं दक्षिण-पूर्वी केरल तक फैला हुआ है जहां से यह रेलमार्गों और सड़कों से जुड़ा हुआ है। इस बंदरगाह की पृष्ठभूमि खनिज, पशु और कृषि-संसाधनों से युक्त है। इसके तटीय भागों में मत्स्य उद्योग का विकास हुआ है।
आयात एवं निर्यात
तूतीकोरिन बंदरगाह के प्रमुख निर्यात चाय, गरम मसाले, केला, नारियल व खोपरा, कपास, चमड़ा और खालें, इलाइची, सूती वस्त्र है। आयात के अंतर्गत मशीनें, खाद और कोयला मुख्य हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत का भूगोल |लेखक: डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |प्रकाशक: साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा |पृष्ठ संख्या: 369 |
- ↑ तूतीकोरिन बंदरगाह का नया नाम (हिन्दी) जागरण जोश। अभिगमन तिथि: 07 जून, 2014।