तृणावर्त वधस्थल भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओं से जुड़ा हुआ ब्रज का दर्शनीय स्थल है। यह स्थल मथुरा के निकट महावन में स्थित है।[1]
- महावन जो कि मथुरा के समीप, यमुना के दूसरे तट पर स्थित अति प्राचीन स्थान है, इसे बालकृष्ण की क्रीड़ास्थली माना जाता है। यहाँ अनेक छोटे-छोटे मंदिर हैं, जो अधिक पुराने नहीं हैं। समस्त वनों से आयतन में बड़ा होने के कारण ही महावन को 'बृहद्वन' भी कहा गया है।
- तृणावर्त वधस्थल वह स्थान है, जहाँ बालकृष्ण ने कंस द्वारा भेजे गए तृणावर्त नामक असुर का वध किया था। कंस ने बालकृष्ण को मारने के लिए गोकुल में तृणावर्त दैत्य को भेजा। वह कंस की प्रेरणा से बवण्डर का रूप धारण कर गोकुल में आया और यशोदा मैया के पास ही बैठे हुए बालकृष्ण को उड़ाकर आकाश में ले गया। बालकृष्ण ने स्वाभाविक रूप में उसका गला पकड़ा लिया, जिससे उसका गला रुद्ध हो गया, आँखें बाहर निकल आईं और वह पृथ्वी पर गिरकर मर गया।
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