- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर यह व्रत आरम्भ होता है।
- यह व्रत एक वर्ष तक किया जता है।
- इसमें सप्तमी पर उपवास किया जाता है।
- उस दिन विभिन्न नामों से सूर्य की पूजा की जाती है।
- वरुण की पूजा माष में, तपन की फाल्गुन में, वेदांशु की चैत्र में, घाता की वैशाख में.....आदि की जाती है।
- अष्टमी को ब्राह्मण भोजन कराया जाता है।
- कृष्ण पक्ष की सप्तमी को भी उपवास आदि भी रखा जाता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 720-724)।
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