देबू चौधरी
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पूरा नाम | पण्डित देवब्रत चौधरी |
प्रसिद्ध नाम | देबू चौधरी |
जन्म | 30 मई, 1935 |
जन्म भूमि | बांग्लादेश |
मृत्यु | 1 मई, 2021 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली, भारत |
पति/पत्नी | मंजुश्री चौधरी |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | शास्त्रीय वादन |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण (1992), पद्मश्री |
प्रसिद्धि | सितार वादक |
नागरिकता | भारतीय |
घराना | सेनिया घराना |
गुरु | मुश्ताक अली ख़ान |
अन्य जानकारी | शास्त्रीय संगीतज्ञों की तरह देवब्रत चौधरी' ने बाल्यावस्था में ही, जब वह महज चार साल के थे तभी से प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू कर दिया था। |
पण्डित देवब्रत चौधरी (अंग्रेज़ी: Pandit Devabrata Chaudhuri, जन्म- 30 मई, 1935, बांग्लादेश; मृत्यु- 1 मई, 2021, दिल्ली) भारत के प्रख्यात सितार वादक थे। वह संगीत के सेनिया घराना से थे। उन्हें भारत सरकार द्वारा 'पद्म भूषण' और 'पद्मश्री' से भी सम्मानित किया गया था।
- मुश्ताक अली ख़ान के शागिर्द, देबू चौधरी का जन्म आज़ादी से पूर्व 30 मई, सन 1935 को म्यमेनसिंह (अब बांग्लादेश में) हुआ था।
- भारत सरकार ने 1992 में कला के क्षेत्र में शानदार योगदान के लिए उन्हें 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया था।
- उन्होंने सेनिया संगीत घराना के पंचू गोपाल दत्ता और संगीत आचार्य उस्ताद मुश्ताक अली खान से संगीत की शिक्षा ली की थी।
- देबू चौधरी का नाम उस्ताद विलायत ख़ान, पंडित रविशंकर और पंडित निखिल बनर्जी जैसे भारत के प्रख्यात सितारवादकों में गिना जाता है।
- वह जयपुर के सेनिया संगीत घराना से थे, जिसे तानसेन परिवार के वंशजों ने शुरू किया था और जिन्हें रागों की शुद्धता को संरक्षित रखने के लिए जाना जाता है।
- देबू चौधरी शिक्षक और लेखक भी थे, जिन्होंने छ: पुस्तकें लिखीं और नये राग बनाए।
- मुश्ताक अली ख़ान के शागिर्द, देबू चौधरी का जन्म 1935 में म्यमेनसिंह (अब बांग्लादेश में) हुआ था। भारत के महान शास्त्रीय संगीतज्ञों की तरह उन्होंने बाल्यावस्था में, जब वह महज चार साल के थे तभी से प्रशिक्षण प्राप्त करना शुरू कर दिया था।
- मशहूर सितार वादक पंडित देबू चौधरी का निधन शनिवार दिन 85 वर्ष की आयु में 1 मई, 2021 को दिल्ली, भारत में हुआ। बताया जाता है कि सितारवादक कई दिनों से कोरोना से संक्रमित थे। जहां उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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