- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- संवत्सर व्रत किया जाता है।
- एक वर्ष तक नारी को सुपारी एवं चूने के साथ पान का पत्ता किसी नारी अथवा पुरुष को देना चाहिए।
- वर्ष के अन्त में सोने या चाँदी का पान एवं मोंती का चूना दान में देना चाहिए।
- उसे दुर्भाग्य नहीं सताता और न उसके मुख से दुर्गन्ध ही निकलती है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखंड 2, 864, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)।
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