परसों अथवा पलसों नामक गाँव गोवर्धन-बरसाना के रास्ते में स्थित है। ब्रजमण्डल स्थित भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों में से यह एक है।
जब अक्रूर जी, बलराम और कृष्ण दोनों भाईयों को मथुरा ले जा रहे थे, तब रथ पर बैठे हुए श्रीकृष्ण ने गोपियों की विरह दशा से व्याकुल होकर उनको यह संदेश भेजा कि मैं शपथ खाकर कहता हूँ कि परसों यहाँ अवश्य ही लौट आऊँगा। तब से इस गाँव का नाम परसों हो गया। 'सी' और 'परसों' दोनों गाँव पास-पास में हैं। श्रीकृष्ण ने 'शीघ्र ही आऊँगा', यह बार-बार कहा था। इस शीघ्र शब्द से ही इस लीला-स्थली का नाम 'सी' पड़ा है।[1]
इन्हें भी देखें: कोकिलावन, ब्रज एवं कृष्ण
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मथुरा हईते शीघ्र करिब गमन। एई हेतु शीघ्र सी, कहये सर्वजन ॥ 'भक्तिरत्नाकर'