बलदेव शरण नारंग (अंग्रेज़ी: Baldev Sharan Narang, मृत्यु- 2 मार्च, 2021) श्याम चौरासी घराने की श्रंखला से जुड़े प्रसिद्ध शास्त्रीय वादक तथा संगीतकार थे। संगीत जगत में बी. एस. नारंग एक बेजोड़ नाम है। डीएवी कॉलेज जालंधर में संगीत के प्रोफेसर रह चुके बलदेव शरण नारंग ने देश-विदेशों में अपनी कला का लोहा मनवाया। उनके कई शिष्यों ने पंजाबी इंडस्ट्री संगीत में नाम रोशन किया। कई जाने-माने संगीतकारों ने उनसे संगीत की शिक्षा ग्रहण कर इस क्षेत्र में ऊंचा नाम कमाया।
परिचय
संगीत की दुनिया से जुडे दीपक बाली के अनुसार, प्रोफेसर बी. एस. नारंग का जन्म नकोदर में हुआ था और वहीं वे बड़े हुए। संगीत की शुरुआती शिक्षा उन्होंने अपने पिता पंडित केसर चंद से ली। इसके बाद हुसन लाल, उस्ताद करम सिंह चक्रबर्ती, डॉ. एसएल मिश्रा व पंडित केएस जसरा से तालीम हासिल की। जालंधर के दोआबा कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने 1973 में डीएवी कॉलेज में बतौर संगीत प्रोफेसर ज्वाइन किया।
निपुणता
जालंधर के प्रसिद्ध हरीवल्लभ संगीत सम्मेलन में बी. एस. नारंग के गायन को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते थे। उन्होंने कभी अपने चाहने वालो को निराश नहीं किया और हर बार अपनी कला का लोहा मनवाया। वह हर प्रकार की गायकी गाने में निपुण थे।
कला प्रदर्शन
अपने संगीत के सफर में बी. एस. नारंग ने सारंगी वादक उस्ताद सबरी खान और उस्ताद सलामत अली खान साहब के साथ भी कला का प्रदर्शन किया और इसी कारण वह विश्व विख्यात हो गए। उन्होंने लंदन, बर्मिंघम, स्कॉटलैंड समेत विदेश में भी कई शो किए। इसके अलावा जालंधर के बाबा हरिवल्लभ संगीत सम्मेलन, दिल्ली के सप्तश्वर, कोलकाता में फोर्ट विलियम और मुंबई के संगीत सम्मेलन समेत कई संगीत समारोहों में प्रस्तुति दी।
मृत्यु
प्रसिद्ध संगीतकार बी. एस. नारंग का मंगलवार (2 मार्च, 2021) को दिल की गति थमने से निधन हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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