- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- चैत्र शुक्ल द्वितीया पर यह व्रत किया जाता है।
- सन्ध्या को नदी में स्नान, द्वितीया के चन्द्र का चित्र बनाकर उसकी पुष्पों एवं सर्वोत्तम नैवेद्य से पूजा; पूजा के उपरान्त भोजन करना चाहिए।
- एक वर्ष तक तैल से बना भोजन त्याज्य होता है।
- ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से कल्याण एवं स्वर्ग की प्राप्ति होती है [1]; [2]।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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