मल्लिकार्जुन मंदिर कर्नाटक के प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर कर्नाटक में 'मंदिरों का शहर' कहे जाने वाले पट्टदकल शहर में स्थित है। मल्लिकार्जुन मंदिर के स्तम्भों पर श्रीकृष्ण के जीवन की झाँकियाँ उकेरी गई हैं। इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक तथा भक्त आते हैं।
- इस मंदिर का निर्माण विक्रमादित्य द्वितीय की रानी त्रिलोकमहादेवी द्वारा करवाया गया था।
- सम्राट विक्रमादित्य द्वितीय की विजय गाथा के इतिहास रूप में यह मंदिर बनवाया गया था।
- मल्लिकार्जुन मंदिर 'विरुपाक्ष मंदिर' से छोटा है, परंतु इसकी कला में विरुपाक्ष मंदिर के दर्शन होते दिखाई पड़ते हैं।
- मंदिर का निर्माण विरुपाक्ष मंदिर के बनने के तुरंत बाद ही शुरू कर दिया गया था। दोनों मंदिरों में बहुत-सी समानताएं देखी जा सकती हैं।
- यह मंदिर 'त्रयलोकेश्वर मंदिर' भी कहा जाता था, परंतु बाद में इसे 'मल्लिकार्जुन' नाम प्राप्त हुआ।
- विक्रमादित्य की कांची विजय की याद का स्वरूप यह मंदिर चालुक्य राजाओं की वास्तुशिल्पता का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है।
- मंदिर के स्तंभों में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन काल की विभिन्न झांकियों को देखा जा सकता है।
- यहाँ वार्षिक उत्सव का आयोजन भी किया जाता है, जो धूम-धाम से मनाया जाता है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मल्लिकार्जुन मंदिर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 10 मई, 2014।
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