- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- जब शुक्ल सप्तमी पर सूर्य किसी राशि में प्रविष्ट होता है तो उसे महाजयसप्तमी कहा जाता है।
- इसमें स्नान, जप, होम, देवों एवं पितरों की पूजा से कोटिगुना फल मिलता है।
- इस दिन सूर्य प्रतिमा को घृत या दूध से स्नान कराने से व्यक्ति को सूर्यलोक की प्राप्ति होती है।
- इस दिन उपवास से स्वर्ग की प्राप्ति होती है।[1]
- कृत्यकल्पतरु इस व्रत के स्रोत के विषय में मौन है, वह अधिकतर व्रत स्रोत के विषय में कोई प्रकाश नहीं डालता।
- हेमाद्रि[2] ने ब्रह्म पुराण को उद्धृत किया है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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