मेहरुन्निसा परवेज

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मेहरुन्निसा परवेज' (जन्म- 1944, बालाघाट, मध्य प्रदेश) भारत की आधुनिक महिला साहित्यकार और कहानीकार हैं। मध्य प्रदेश के आदिवासी ज़िले बालाघाट में जन्मी मेहरुन्निसा परवेज साहित्यिक पत्रिकाओं को पढ़ते एवं आस-पास के वातावरण को देखते हुए साहित्यिक लेखन के क्षेत्र में आ गईं। परवेज जी कहती हैं कि "घर में साहित्य का माहौल नहीं था, किंतु परिस्थितियाँ ऐसी थीं, जिन्होंने मेरे मन को साहित्य रचना की ओर प्रेरित किया।"

रचनाएँ

मेहरुन्निसा परवेज की कहानियों में पारंपरिक घरों की बंदिशें, महिलाओं के संघर्ष, आदिवासी अंचल की समस्याएँ बहुधा आती हैं। वर्ष 1969 में उनका पहला उपन्यास 'आंखों की दहलीज' प्रकाशित हुआ था।

उपन्यास
  • आंखों की दहलीज
  • कोरजा
  • अकेला पलाश
कहानी संग्रह
  1. आदम और हव्वा
  2. टहनियों पर धूप
  3. गलत पुरुष
  4. फाल्गुनी
  5. अंतिम पढ़ाई
  6. सोने का बेसर
  7. अयोध्या से वापसी
  8. एक और सैलाब
  9. कोई नहीं
  10. कानी बाट
  11. ढहता कुतुबमीनार
  12. रिश्ते
  13. अम्मा
  14. समर

पुरस्कार व सम्मान

मेहरुन्निसा परवेज को 'साहित्य भूषण सम्मान', 'महाराजा वीरसिंह जूदेव पुरस्कार' और 'सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मेहरुन्निसा परवेज (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

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