यातायात और परिवहन
- भारत में परिवहन
भारत देश के निरंतर विकास में सुचारू और समन्वित परिवहन प्रणाली की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। वर्तमान प्रणाली में यातायात के अनेक साधन, जैसे- रेल, सड़क, तटवर्ती नौ-संचालन, वायु परिवहन इत्यादि शामिल हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ-साथ इसका विस्तार हुआ है और क्षमता भी बढ़ी है। जहाजरानी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, रेल और नागर विमानन को छोड़कर परिवहन के विभिन्न साधनों के विकास के लिए नीतिगत कार्यक्रम बनाने और उन्हें लागू करने की ज़िम्मेदारी निभाता है।
सड़क परिवहन
सड़क परिवाहन ने भारत के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी है। कम एवं मध्यम दूरियाँ तक के लिए यह यातायात का सर्वाधिक सुगम एवं सस्ता साधन भी हैं। वास्तव में यह सेवा परिवहन के अन्य साधनों की सहायक है, क्योकि इसकी विश्वसनीयता, शीघ्रता, लचीलापन एवं दरवाज़े तक प्रदान की जाने वाली सुविधा काफ़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में भौतिक विशेषताओं के कारण रेल परिवहन एक सीमा तक ही किया सकता है। अतएव सड़कों का महत्तव अपने आप बढ़ जाता है। इसका सबसे महत्त्वपूर्ण बिन्दू सवारियों की संख्या में लगातार होने वाली वृद्धि है। 1950-51 में जहाँ देश में कुल 34,000 बसें एवं 82,000 ट्रकें थी, वहीं वर्ष 1990-91 में इनकी संख्या बढ़कर क्रमशः 1,91,73,168 तथा 12,89,250 हो गयी। मार्च, 1997 में भारत में सड़को की कुल लम्बाई बढ़कर 33 लाख 40 हज़ार किमी हो गई है। इनमें 65,754 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग तथा 1,29,431 किमी राज्य राजमार्ग 4,70,000 किमी मुख्य ज़िला सड़के और लगभग 26,50,000 किमी अन्य ज़िला और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। राष्ट्रीय राजमार्गो की कुल लम्बाई में से 32 प्रतिशत एकल (सिंगल) लेन/मध्यवर्ती लेन, लगभग 55 प्रतिशत मानक 2- लेन ओर शेष 13 प्रतिशत 4- लेन वाली अथवा उससे ज्यादा चौड़ी सड़कें है।
रेल परिवहन
रेल परिवहन का एक ज़रिया है जिसमें यात्रियों और माल को पटरियों पर चलने वाले वाहनों पर एक स्थान से दुसरे स्थान ले जाया जाता है। देश के विशालता, सामानों के आन्तरिक परिवहन तथा यात्रियों के संचालन हेतु रेल परिवहन का महत्त्वपूर्ण स्थान है। देश की रेलों ने सुदूर क्षेत्रों में बसे लोगों तथा वहाँ मिलने वाले संसाधनों एवं तैयार वस्तुओं को सम्पूर्ण देश में पहुंचाया है। व्यापार-व्यवसाय, देशाटन, तीर्थयात्रा आदि का अवसर सुलभ कराने वाले साधनों की दृष्टि से रेलें देश की जीवन रेखा है।
वायु परिवहन
भारतीय जैसे भौतिक दृष्टि से विविधतापूर्ण तथा विशाल देश में वायु परिवहन जैसे तीवग्रामी साधन का महत्व स्वतः स्पष्ट है। पश्चिमी देशों एवं दक्षिणी पूर्व एशिया के बीच संगम-स्थल की भांति स्थित इस देश को वायु परिवहन की दृष्टि से विश्व में केन्द्रीय स्थान प्राप्त है। यहाँ पर वायु परिवहन का प्रारम्भ 1911 में हुआ, जब इलाहाबाद से नैनी के बीच विश्व की सर्वप्रथम विमान डाक सेवा का परिवहन किया गया। 1933 में इण्डियन नेशनल एअरवेज कं. की स्थापना हुई, जिसने लाहौर से कराची के बीच विमान संचलन किया। 1935 में टाटा एअरवेज द्वारा मुम्बई-तिरुअनन्तपुरम तथा 1937 में इसी कम्पनी द्वारा मुम्बई-दिल्ली मार्ग पर विमान-सेवा प्रदान की गयी। स्वतन्त्रता प्राप्ति तक देश में 21 वायु-परिवहन कम्पनियाँ स्थापित हो चुकी थीं। 1953 में सभी वैमानिक कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण करके उन्हें दो नवनिर्मित निगमों के अधीन कर दिया गया।
जल परिवहन
जल परिवहन किसी भी देश को सबसे सस्ता यातायात प्रदान करता है क्योंकि इसके निर्माण में परिवहन मार्गो का निर्माण नहीं करना पड़ता और केवल परिवहन के साधनों से ही यातायात किया जाता है। इतना अवश्य है कि इसके लिए प्राकृतिक अथवा कृत्रिम जलपूर्ण मार्ग आवश्यक होते हैं। हमारे देश में आन्तरिक एवं सामुद्रिक दोनों प्रकार का जल परिवहन किया जाता है। आन्तरिक जल परिवहन की दृष्टि से देश में प्राचीनकाल से ही नदियों के माध्यम से यातायात किया जाता था। वर्तमान में देश में लगभग 14,500 किमी लम्बा नौगम्य जलमार्ग है, जिसमें नदियाँ, नहरें, अप्रवाही जल यथा झीलं आदि संकरी खड़ियाँ शामिल हैं। देश की प्रमुख नदियों में 3,700 किमी लम्बे मार्ग का ही उपयोग किया जा रहा है। जहाँ तक नहरों का प्रश्न हैं, 4,300 किमी लम्बी नौगम्य नहरों से मात्र 900 किमी तक की दूरी की नौकाओं द्वारा परिवहन के उपयुक्त है। वर्तमान में आन्तरिक जल परिवहन के माध्यम से लगभग 160 लाख टन माल की ढुलाई प्रतिवर्ष की जा रही है।
भारत के विभिन्न राज्यों का यातायात
परिवहन
- अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश में 330 किमी लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग (सड़क मार्ग) है। अरुणाचल प्रदेश की विषम भू-आकृति ने सुचारु परिवहन एवं संचार व्यवस्था को कठिन बना दिया है।
- असम
अपर्याप्त परिवहन एवं संचार व्यवस्था ने असम के औद्योगिक विकास की गति धीमी कर दी है। विषम भौगोलिक संरचना के कारण यहाँ पर एक सुचारू परिवहन व्यवस्था के विकास में कठिनाई हो रही है। उदाहरण के लिए, ब्रह्मपुत्र नदी ही रेलमार्ग सड़क मार्ग या तो नदी के उत्तर में है या फिर दक्षिण में।[2]
- आंध्र प्रदेश
सड़कें: सन 2007 तक आंध्र प्रदेश से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 4,647 किलोमीटर थी और प्रांतीय सड़कों की लंबाई 63,863 किलोमीटर थी जिसमें 10,412 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग थे।
- उत्तर प्रदेश
राज्य के प्रमुख शहर व नगर सड़कों व रेल सम्पर्क से जुड़े हैं, फिर भी आमतौर पर सड़कों की स्थिति ख़राब है और रेल की पटरियों की भिन्न लाइनों (बड़ी और छोटी) के बीच सामंजस्य न होने के कारण रेल प्रणाली भी प्रभावित हुई है। लखनऊ उत्तरी नेटवर्क का मुख्य जंक्शन है। उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर वायुमार्ग द्वारा दिल्ली व भारत के अन्य शहरों से जुड़े हुए हैं। राज्य के भीतर के परिवहन तंत्र में गंगा, यमुना और घाघरा नदियों की अंतर्देशीय जल परिवहन व्यवस्था भी शामिल है।
- उत्तराखण्ड
- उत्तराखण्ड में पक्की सडकों की कुल लंबाई 21,490 किलोमीटर है।
- लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों की लंबाई 17,772 किमी स्थानीय निकायों द्वारा बनाई गई सड़कों की लंबाई 3,925 किमी हैं।
- उत्तराखण्ड राज्य की विभिन्न प्रकार की सड़कें लगभग सभी नगरों को जोड़ती हैं।
- उत्तराखण्ड राज्य से होकर कोई राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं गुज़रता। उत्तर के सीमान्त इलाक़े सड़कों से जुड़े नहीं हैं।
- ओडिशा
ओडिशा राज्य में विकास दर बढाने के लिए परिवहन की अनेक योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है- सड़कें: 2004 - 05 तक राज्य में सडकों की कुल लंबाई 2,37,332 किमी थी। इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 3,595 किमी, एक्सप्रेस राजमार्गों की कुल लंबाई 29 किलोमीटर, राजकीय राजमार्गों की कुल लंबाई 5,102 किमी ज़िला मुख्य सड़कों की कुल लंबाई 3,189 किमी, अन्य ज़िला सड़कों की कुल लंबाई 6,334 किमी और ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई 27,882 किमी है। पंचायत समिति सड़कों की कुल लंबाई 1,39,942 किमी और 88 किमी ग्रिडको सड़कें हैं।
डबोलिम हवाई अड्डा, गोवा |
चेन्नई एगमोर, चेन्नई |
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली |
हावड़ा ब्रिज, कोलकाता |
ट्राम, कोलकाता |
मेट्रो, कोलकाता |
राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, हैदराबाद |
हाउसबोट, केरल |
ओटो, गुजरात |
टैक्सी, कोलकाता |
मेट्रो रेल, दिल्ली |
कोच्चि बंदरगाह, कोच्चि |
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई |
बस, दिल्ली |
- कर्नाटक
- कर्नाटक में रेलवे के नेटवर्क की कुल लंबाई लगभग 3089 किलोमीटर है।
- कर्नाटक में हवाई अडडे बैंगलोर, मंगलोर, हुबली, बेलगांव, हंपी एवं बेलारी में उपलब्ध हैं जिनमें, बैंगलोर हवाई पट्टी से दूसरे देशों के लिए भी विमान सेवा उपलब्ध है। मैसूर एवं गुलबर्गा, बीजापुर, हासन एवं शिमोगा में इस वर्ष के अंत तक हवाई सेवाएं उपलब्ध होने की उम्मीद है।
- कर्नाटक में 11 बंदरगाह हैं, जिसमे नवीन मंगलोर बंदरगाह शामिल है जो एक मुख्य बंदरगाह है।
- कर्नाटक में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों की कुल दूरी क्रमश: 3973 किलोमीटर और 9829 किलोमीटर है।
- केरल
- केरल राज्य की यातायात प्रणाली में 1.61 लाख किमी सडकें,
- 1,148 किमी रेल लाइनें
- 1,687 किमी जलमार्ग
- 18 हवाई अड्डों के 111 स्टेचू मील वायुमार्ग हैं।
- गुजरात
सड़क एवं रेल संपर्क अच्छे हैं और तटीय जहाज़ी मार्ग गुजरात के विभिन्न बंदरगाहों को जोड़ते हैं, कांडला एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह है। गुजरात राज्य के भीतर और देश के अन्य प्रमुख नगरों के लिए गुजरात से वायुसेना उपलब्ध है।
- 2005-06 के अंत में सड़कों की कुल लंबाई (गैर योजना, सामुदायिक, शहरी और परियोजना सड़कों के अलावा) लगभग 74,038 किलोमीटर थी।
- 2002-03 के अंत तक भूतल सड़कों की लम्बाई 70,743 किमी थी। देश का पहला एक्सप्रेस मार्ग अहमदाबाद और बड़ोदरा के बीच निर्माणाधीन है।
- गोवा
गोवा में 31 दिसंबर, 2008 तक 4,40,152 ड्राइविंग लाइसेंस दिए गए तथा 6,59,012 वाहनों का पंजीकरण किया गया। सड़क मार्ग: राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 224 किलोमीटर तथा प्रांतीय राजमार्गों की लंबाई 232 किलोमीटर है। इसके अलावा 815 किलोमीटर ज़िला मार्ग हैं।
- छत्तीसगढ़
- छत्तीसगढ़ देश के अन्य भागों से सड़क, रेल और वायुमार्ग से भलीभांति जुड़ा है।
सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 और 200 इससे होकर गुज़रते हैं। राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 34,930 किमी है।
- जम्मू और कश्मीर
भारतीय संघ सरकार ने जम्मू-कश्मीर में राजमार्गों और संचार सुविधाओं के विकास पर भारी विनियोग किया है। देश के विभाजन और कश्मीर पर भारत - पाकिस्तान विवाद के कारण श्रीनगर से झेलम की घाटी होते हुए रावलपिंडी का मार्ग अवरुद्ध हो गया। इसके कारण एक लम्बे और अधिक कठिन गाड़ी मार्ग को, जो बनिहाल दर्रे से होकर जाता था, सभी मौसमों में उपयोग योग्य राजमार्ग में बदलना ज़रूरी हो गया।
- झारखण्ड
कभी महत्त्वपूर्ण रहे जलमार्ग अब अपना महत्त्व खो चुके हैं। राज्य में माल के आवागमन संबंधी सुविधाएँ राँची, बोकारो, धनबाद और जमशेदपुर में उपलब्ध हैं। इसके इलावा किरिबुरु, लोहरदाग और सभी कोयला खदानों में अयस्क वहन की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
- तमिलनाडु
दक्षिण भारतीय राज्यों की परिवहन प्रणाली चेन्नई में केंद्रित है।
सड़क मार्ग: सड़कों के संजाल की कुल लंबाई क़्ररीब 1,93,918 किमी है। यहाँ वाहनों के योग्य सड़कों का संजाल है।
- त्रिपुरा
सडकें: त्रिपुरा में विभिन्न प्रकार की सड़कों की कुल लंबाई 1,997 किमी है, जिसमें से मुख्य ज़िला सड़कें 90 किमी, अन्य ज़िला सड़कें 1,218 किमी और प्रांतीय राजमार्ग 689 किमी हैं।
- दिल्ली
भारत सरकार ने दिल्ली शहर में बढ़ते वाहन प्रदूषण और यातायात की अस्त-व्यस्त स्थिति को देखते हुए मास रैपिड ट्रांज़िट प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया। यह परियोजना कार्यान्वित की जा रही है और इसमें अति आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। दिल्ली में मेट्रो रेल परियोजना आ गई है। अब दिल्ली मेट्रो के प्रथम चरण में तीन मेट्रो कॉरीडोर हैं जो रिकार्ड समय में पूरे होकर काम भी करने लगे हैं। शाहदरा से रिठाला और दिल्ली विश्वविद्यालय से केंद्रीय सचिवालय के बीच लाइनें बिछ गई हैं और इन पर गाडियाँ भी चलने लगी हैं। बाराखंभा और द्वारका के बीच तीसरी लाइन भी चालू हो गई है। दिल्ली मेट्रो के द्वितीय चरण को भी स्वीकृत मिल गई है जिससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के यात्रियों को बेहतर संपर्क सुविधा प्राप्त हो सकेगी। दिल्ली सडकों, रेल लाइनों और विमान सेवाओं के ज़रिये भारत के सभी भागों से भलीभांति जुड़ी हुई है। यहाँ तीन हवाई अड्डे हैं। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए पालम हवाई अड्डा घरेलू उड़ानों के लिए तथा सफदरजंग हवाई अडडा प्रशिक्षण उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
- नागालैंड
सड़कें: नागालैंड राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 9,860 किलोमीटर है, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रांतीय राजमार्ग, ज़िला और ग्रामीण सड़कें शामिल हैं। कुल 900 से अधिक गांवों को सड़कों से जोड़ा गया है।
- पंजाब
पंजाब राज्य सरकार की सड़कों, पुलों और भवनों के रखरखाव का दायित्व पी.डब्लू.डी. की है। सड़कों की कुल लम्बाई 50,506 किमी है। 'पंजाब सड़क और बाँध विकास बोर्ड' की स्थापना 1998 में हुई। इसका उद्देश्य राज्य की सड़कों के लिए अतिरिक्त साधन जुटाना था।
- पश्चिम बंगाल
सड़कें: 31 मार्च 2002 को राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 91,970 किलोमीटर थी जिसमें 1,898 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल थे। सड़कों की लंबाई इस प्रकार है :
- प्रांतीय राजमार्ग - 3533 किलोमीटर
- लोक निर्माण विभाग सड़कें - 12565 किमी
- ज़िला सड़कें - 42,479 किमी
- बिहार
सड़कें: मार्च, 2008 तक बिहार में 45,721.059 किलोमीटर पक्की सड़कें थीं। इनमें 3,734.38 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 3,766.029 किलोमीटर प्रांतीय राजमार्ग, 7,992.65 प्रमुख ज़िला सड़कें, 2,828 किलोमीटर अन्य ज़िला सड़कें तथा 27,400 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें शामिल थीं।
- मणिपुर
सड़कें: मणिपुर में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग -
- राष्ट्रीय राजमार्ग - 39
- राष्ट्रीय राजमार्ग - 53
- राष्ट्रीय राजमार्ग 150
- मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में सड़कों की कुल लंबाई 73311 किलोमीटर है। राष्ट्रीय राजमार्गो की लंबाई 4280 कि.मी और प्रांतीय राजमार्गो की लंबाई 8729 किमी है। राज्य में सड़कों के निर्माण तथा सुधार का कार्य बडे पैमाने पर किया जा रहा है तथा लगभग 60 हज़ार किमी सड़कों का निर्माण तथा सुधार का कार्य किया जाएगा। वर्ष 2005 को ‘सडकों का वर्ष’ के रूप में मनाया गया। इस दौरान प्रत्येक माह एक महत्वपूर्ण सड़क का निर्माण कार्य पूरा किया गया।
- महाराष्ट्र
सड़कें: मार्च 2005 तक राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 2.29 लाख किमी थी, जिसमें राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 4, 367 किमी प्रांतीय राजमार्गों की 33,406 किमी, प्रमुख ज़िला सड़कों की 48,824 किमी, अन्य ज़िला सड़कों की लंबाई 44,792 किमी और ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई 97,913 किमी थी।
- मिज़ोरम
बेहतर परिवहन सुविधा के लिए सरकार ने विश्व बैंक के अनुदान की मदद से कुल 350 करोड़ रुपये की लागत से मिज़ोरम राज्य सडक परियोजना शुरू की है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत मिज़ोरम में 384 गांवो को जोड़ने वाली 2,421 किमी लंबी सड़क बनाने का कार्य तेज़ीसे प्रगति पर है।
- सिक्किम
गंगटोक सड़क मार्ग से दार्जिलिंग, कलिमपोंग, सिलिगुड़ी तथा सिक्किम के सभी ज़िला मुख्यालयों से जुड़ा है। 41 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग सहित, राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 2,383 किमी है। इसमें से 873.40 किमी सड़कें सीमा सड़क संगठन ने बनवायी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 31A सिलीगुड़ी और गंगटोक को जोड़ता है । यह मार्ग सिक्किम में रंग्पो में प्रवेश करने के बाद तीस्ता नदी के समानान्तर चलता है।
- हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश राज्य में सड़कें ही यहाँ की जीवन रेखा हैं और यही संचार के प्रमुख साधन हैं। इसके 55,673 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में से 36,700 किलोमीटर में रहने योग्य स्थान है, जिसमें से 16,807 गांव अनेक पर्वतीय श्रृंखलाओं और घाटियों के ढलानों पर फैले हुए हैं। उत्पादन क्षेत्रों और बाज़ार केंद्रों को जोड़ने वाली महत्त्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने तीन वर्षों में प्रत्येक पंचायत को सड़क से जोड़ने का निर्णय किया है।
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