- विजय पाल रासो के रचनाकार 'नल्ह सिह भाट' हैं।
- नल्हसिंह भाट कृत इस रचना के केवल '42' छन्द उपलब्ध है।
- विजयपाल, जिनके विषय में यह रासो काव्य है, विजयगढ़, करौली के 'यादव' राजा थे।
- इनके आश्रित कवि के रुप में 'नल्ह सिंह' का नाम आता है।
- रचना की भाषा से यह ज्ञात होता है कि यह रचना 17 वीं शताब्दी से पूर्व की नहीं हो सकती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।