शीतला माता मन्दिर, कौशाम्बी

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शीतला माता मन्दिर एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- शीतला माता मन्दिर

शीतला माता मन्दिर कौशाम्बी, उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध हिन्दू धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मन्दिर को भारत के शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। माँ शीतला को मानने वाले श्रद्धालु यहाँ कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आकर पूजा-अर्चना आदि करते हैं।

स्थिति

शीतला माता का यह मन्दिर पवित्र गंगा नदी के तट पर इलाहबाद के पश्चिम में 69 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। यह मन्दिर हिन्दू धर्म में महिला शक्ति की सर्वोच्‍च अवतार देवी सती को समर्पित है। यह एक लौकिक महत्‍व रखने वाला शक्तिपीठ है। भारत में कुल 51 शक्तिपीठ थे, जिनमें से इसे भी एक माना गया है।[1]

मूर्ति

ऐसा माना जाता है कि यह मन्दिर हज़ार साल पुराना है। इस मन्दिर के गर्भगृह में स्‍थापित मूर्ति में माता शीतला देवी एक गधे पर विराजमान हैं। कड़ा वह स्‍थल है, जहाँ मन्दिर प्राचीन शहर में स्थित है।

पूजा-पाठ

देवी शीतला में विश्‍वास रखने वाले भक्त कृष्ण पक्ष के आंठवें दिन यहाँ आकर पूजा करते हैं, ताकि बुरे प्रभाव से उन्‍हें छुटकारा मिल सके। यह मन्दिर केवल हिन्दू धर्म के भक्‍तों को ही नहीं, बल्कि अन्‍य धर्मों में विश्‍वास रखने वालों को भी आकर्षित करता है।

पर्यटन स्थल

माँ शीतला का यह मन्दिर देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण आकर्षण है। यहाँ मध्य कालीन युग से कई सत्‍तारूढ़ हिन्दू राजवंशों का शासन था। कन्‍नौज के अंतिम शासक राजा जयचंद के क़िले के अवशेष भी यहाँ आकर पर्यटक देख सकते है। इस जगह सैलानी काफ़ी संख्‍या में आते है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 शीतला मन्दिर, कौशाम्बी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 11 अप्रैल, 2014।

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