इसका वर्त्तमान नाम स्वामी घाट है । किसी–किसी का कहना है कि महाराज वसुदेव ने नवजात शिशु कृष्ण को गोदी में लेकर यहीं से यमुना पार की थी। यहाँ स्नान करने पर भगवद् धाम की प्राप्ति होती है।
तत: संयमनं नाम तीर्थं त्रैलोक्यविश्रुतम् ।
तत्र स्नातो नरो देवि ! मम लोकं स गच्छति ।।