हरित क्रान्ति से आशय छठे दशक के अन्तिम दिनों में सम्पूर्ण विश्व में कृषि के उत्पादन में हुई उस अभूतपूर्व वृद्धि से है, जो कुछ थोड़े समय में उन्नतशील बीजों, रासायनिक खादों एवं नवीन तकनीकि के फलस्वरूप हुई। सन 1940 के दशक से प्रारम्भ होकर यह 1970 के दशक के अन्तिम दिनों तक जारी अनुसंधान, विकास और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण इत्यादि के परिणामस्वरूप घटित हुई।
इन्हें भी देखें: भारत में हरित क्रान्ति
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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